
10 दिनों से हड़ताल पर बैठी नर्सों ने शुरू की भूख हड़ताल, जानिए क्या है इनकी मांगें
रायपुर . नर्सों और शासन के बीच गतिरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले दस दिनों से हड़ताल पर बैठी नर्सों ने शासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर सोमवार से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
4600 रुपये ग्रेड पे और ग्रेड-2 के दर्जे के लिए संघ की 10 सदस्याएं रोजाना भूख हड़ताल पर बैठेंगी। वहीं इनकी हड़ताल से निरंतर आपात सेवाओं पर असर पड़ रहा है, जिसका सीधा असर प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर में देखा जा सकता है। यहां पिछले दस दिनों से 150 से अधिक प्रशिक्षु नर्सों के भरोसे यहां सेवाओं का संचालन किया जा रहा है।
जिसके बावजूद मरीजों के ऑपरेशन से लेकर उनकी देख-रेख में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर नर्सिंग काउंसिल ने भी अपना विरोध डीएमइ (संचालक चिकित्सा शिक्षा) को पत्र के माध्यम से दर्ज कराया है। इसके बावजूद अब भी उन्हीं के माध्यम से कार्य का संपादन कराय जा रहा है। हालांकि इस पर प्रबंधन का कहना है कि इन्हें जूडा और इंटर्न के नेतृत्व में कार्य लिया जा रहा है।
अन्य कई राज्यों में भी 4600 है ग्रेड पे
नर्सेस संघ का कहना है कि उनकी मांगे बिल्कुल जायज है। इसका प्रमाण अन्य राज्यों में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं से मिलता है। हाल ही में ओडिशा सरकार की ओर से 112 पदों पर नर्सों की भर्ती के विज्ञापन में उनके वेतनमान में ग्रेड-पे 4600 रुपये का उल्लेख किया गया है।
परिचारिका संघ प्रांतीय उपसचिव रीना राजपूत ने कहा कि संघ ने सोमवार से क्रमिक भूख हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस दौरान रोजाना अलग-अलग 10-15 सदस्याएं विरोधस्वरूप उपवास रखेंगी। इसकी सूचना स्वास्थ्य मंत्री और कलक्टर को प्रेषित कर दी गई है।
Published on:
28 May 2018 02:18 pm
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