
मरीजों के हक के रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचता था अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ
रायपुर. कोरोना के उपचार में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Black Marketing of Remdesivir) करते एक निजी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ पकड़ा गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगाने के लिए आए रेमडेसिविर इंजेक्शन को बचा लेता था। फिर बाहर 15 से 20 हजार रुपए में बेच देता था। इसकी भनक लगने पर साइबर सेल और खाद्य एवं औषधि विभाग ने आरोपी को पकड़ लिया। उसके पास दो इंजेक्शन और 20 हजार रुपए नकद बरामद हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक एमएमआई अस्पताल में काम करने वाला चंद्रकुमार जांगड़े रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेच रहा था। इसकी सूचना मिलने पर साइबर सेल की टीम ने खरीदार बनकर उससे संपर्क किया। चंद्रकुमार एक इंजेक्शन 17 हजार रुपए में देने को तैयार हुआ। सौदा होने के बाद चंद्रकुमार ने साइबर सेल की टीम को इंजेक्शन देने के लिए राजेंद्र नगर इलाके में बुलाया।
इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके कब्जे से 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 20 हजार रुपए नकद बरामद हुआ है। चंद्रकुमार कोरोना मरीजों को लगने के लिए आए इंजेक्शन में से ही कुछ इंजेक्शन बचा लेता था और उसे बाहर 15 से 20 हजार रुपए में बेचता था।
पुलिस के मुताबिक अब तक 8 इंजेक्शन बेच चुका है। इसमें उसका एक और साथी शामिल है। पुलिस उसकी तलाश में लगी है। मामले में आरोपी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धारा के अलावा खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कॉस्मेटिक एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
Published on:
01 May 2021 07:56 pm
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