One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन होने चाहिए। 24 घंटे नहीं बीते और चुनाव आयोग ने दो राज्यों के चुनाव की घोषणा की।
अरूण साव पर किया हमला
अरुण साव कहते हैं छत्तीसगढ़ में वन नेशन वन इलेक्शन की तर्ज पर चुनाव होंगे। अब सरकार के सूत्रों से खबर आ रही है कि नगर निकाय और पंचायती चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं है। वे खुद बोलते हैं और कर नहीं पाते हैं। किसी राज्य में अगर सरकार गिर गई तो चुनाव ढाई साल के लिए होंगे या पांच साल के लिए होंगे?
बता दें कि आज one nation one election bill के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट (modi cabinet) ने मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। खबर ये है कि सरकार शीतकालीन सत्र में इस पर एक बिल ला सकती है।
वन नेशन, वन इलेक्शन’ की पहली बार कब हुई चर्चा
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के बारे में चर्चा सबसे पहले 1999 में शुरू हुई, जब विधि आयोग ने अपनी 170वीं रिपोर्ट में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव हर (One Nation One Election) पांच साल पर एक साथ कराने का सुझाव दिया। इसके बाद कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसदीय की स्थायी समिति ने 2015 में अपनी 79वीं रिपोर्ट में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी।
कोविंद समिति ने भी दो चरणों में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने का प्रस्ताव है, जबकि दूसरे चरण में उसके 100 दिन के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है। समिति ने कहा है कि सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची हो।