
रायपुर. प्याज के बेहताशा मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने प्याज की उपलब्धता एवं बाजार भाव की निगरानी की जवाबदारी कलेक्टरों को सौंप दी है। वहीं दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्याज के साथ अन्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, स्टॉक लिमिट खत्म करने से इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
केंद्र के नए कानून से राज्य अब कुछ नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस इसी कारण इस कानून का विरोध कर रही है। इस कानून से किसान के साथ आम लोग भी प्रभावित होंगे। मालूम हो कि बाजार में प्याज भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बाजार में इस समय प्याज 80 से 100 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है।
कलेक्टर व्यापारियों के साथ करेंगे बैठक
प्याज के मूल्य नियंत्रण के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी की है। इसमें सभी जिला कलेक्टर जिले में प्याज की उपलब्धता, खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी व पर्यवेक्षण के लिए सतत कार्रवाई करने को कहा गया है। कलेक्टरों को प्याज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की तत्काल बैठक करने और मांग के अनुरुप आपूर्ति करने को कहा गया है।
जिला स्तर पर रोज होगी समीक्षा
गाइडलाइन में कहा गया है, जिला स्तर पर प्याज की दैनिक आवक एवं खपत की नियमित समीक्षा की जाए। अन्य राज्यों से प्याज के आयात, परिवहन एवं भंडारण संबंधी कोई समस्या हो तो इसका तत्काल निराकरण किया जाए। थोक व्यापारियों के विक्रय स्थल पर प्रतिदिन प्याज का उपलब्ध स्टॉक और थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने को कहा गया है।
Published on:
22 Oct 2020 10:34 pm
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