
छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से शुरू हो रहे धान खरीदी में किसानों को मिलेगी ये सुविधा
रायपुर. प्रदेश में एक दिसंबर से धान खरीदी (Paddy Purchase in Chhattisgarh) शुरू हो रही है। इसके लिए नाप-तौल विभाग ने खरीद केंद्रों के इलेक्ट्रॉनिक और पलड़ा युक्त तराजू कांटा का सत्यापन शुरू कर दिया है। जिन उपार्जन केंद्रो में इलेक्ट्रॉनिक कांटा से तौल होगी, वहां उसकी जांच के लिए मैनुअल बाट रखना आवश्यक होगा। धान बेचने वाले किसान अपनी इच्छा से तौल यंत्र का सत्यापन कर सकेंगे। प्रदेश में कुल 2048 उपार्जन केंद्र है। इनमें से अब तक 1788 उपार्जन केंद्रों के प्रबंधकों ने कांटा बाट का सत्यापन करा लिया है।
धान उपार्जन केन्द्र में खरीदी बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए यह नियम लागू किया गया है। प्रत्येक उपार्जन केन्द्र में धान तौलने के नियम को फ्लेक्स में चस्पा करना होगा। तौल यंत्र को सत्यापित करने के लिए केवल एक बाट से काम नहीं चलेगा बल्कि 5, 10 और 20 किलोग्राम के बाट रखने होंगे। किसान सभी बाटों से तौल यंत्र को परख सकते हैं। सूखत के नाम पर किसी भी किसान से अतिरिक्त धान नहीं लिया जा सकेगा।
अभी चबूतरा निर्माण का काम नहीं हुआ पूरा
भले ही तौल यंत्रों का सत्यापन शुरू हो चुका है, लेकिन उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की तैयारी शून्य है। कई केंद्रों में अभी तक चबूतरा का निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में आने वाले दिनों में धान खरीदी मे समस्या आएगी।
20 दिन में हो जाएगा पूरा काम
धान उपार्जन केंद्र खुलने में अभी 20 दिन से ज्यादा का समय है। माना जा रहा है कि इस अवधि तक सभी उपार्जन केंद्र के कांटा बाट का सत्यापन हो जाएगा। मोटा धान की कटाई शुरू हो चुकी है। पतला धान की कटाई शुरू होने में अभी पखवाड़े भर का समय है। जब तक उपार्जन केंद्र खुलेगी तब तक खलिहानों में धान बिक्री के तैयार हो चुकी होगी।
नाप-तौल विभाग के उप नियंत्रक बीआर सिदार ने कहा, धान उपार्जन केन्द्रों के माप तौल यंत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। उपार्जन केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक के अलावा मैनुअल बाट रखना जरूरी होगा, ताकि आवश्यकता पडने पर किसान तौल यंत्र की जांच करा सके।
Published on:
07 Nov 2020 03:24 pm
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