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पितृपक्ष आज से शुरू, ध्यान रखें ये बात वरना घर में आ जाएगी एेसी आफत

पितृपक्ष आज से शुरू, ध्यान रखें ये बात वरना घर में आ जाएगी एेसी आफत

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Pitru Paksha 2018

पितृपक्ष आज से शुरू, ध्यान रखें ये बात वरना घर में आ जाएगी एेसी आफत

रायपुर/राजनांदगांव. बप्पा की विदाई के बाद भाद्रपक्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से दूसरे दिन यानि मंगलवार से श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो रहा है। मान्यता है कि पितृपक्ष में पितृगण पृथ्वी पर आते हैं और 15 दिनों तक यहां रहने के बाद लौट जाते हैं। इस वजह से हिंदू अपने रीति रिवाज अनुसार अपने पितरों को याद करने और उनकी पूजा करके घर में सुख-शांति के लिए कामना करते हैं।

जीव-जंतु को मारे नहीं दें भोजन
बड़े-बुजुर्ग व पंडित बताते हैं कि पितृ पक्ष में किसी भी जीव-जंतु को मारना नहीं चाहिए। उनके लिए भोजन का प्रबंध करना चाहिए। लोहे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। संभव हो सके तो पत्तल पर भोजन करना चाहिए। घर के द्वार पर आए भिक्षा मांगने वाले को भोजन और पानी देना चाहिए। किसी का भी अनादर नहीं करना चाहिए। पितृ पक्ष में बासी खाने का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

रात में झूठा न रखे
पितृपक्ष के दौरान ये मान्यता है कि रात में झूठा नहीं रखना चाहिए। इससे देह त्यागकर परलोक गए आत्मा लोगों को परेशान करती है। इससे बचने के लिए इन बातों को ध्यान रखे। इसके अवाला वे रात में ही घर में रहते हैं। इस दौरान उनके खाने के लिए कुछ खाना भी रखना चाहिए।

पृथ्वी में रहते हैं सूक्ष्म शरीर
पंडित आनंद तिवारी ने बताया कि गरुड़ पुराण और कठोपनिषद में पारलौकिक जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। इनमें कहा गया है कि पितृपक्ष के 15 दिनों में पतृलोक में गए पितर यानी परिवार के वो सदस्य जो देह त्यागकर दुनिया से चले गए हैं, अपने सूक्ष्म शरीर के साथ पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों के बीच रहते हैं।

पितर नहीं मनाए जाने से घर में आती है परेशानी
पुराण के अनुसार इन दिनों जिन परिवारों में पितरों की पूजा नहीं होती है और उनके नाम से अन्न, जल और पिण्ड नहीं दिया जाता है। उन परिवारों के पितर नाराज हो जाते हैं। इससे कई तरह की परेशानियां आती हैं। अगर आपके पास समय कम हो और पुरोहितों के नहीं बुला सकते हैं तो स्वयं भी पितरों की पूजा कर सकते हैं।