ईडी अधिकारी बनकर अपहरण किया थाडीजीपी अवस्थी ने बताया कि 8 जनवरी को प्रवीण सोमानी को उठाने पप्पू समेत 8 लोग ईडी अधिकारी बनकर रायपुर आये थे। सरडा एनर्जी से करीब 200 मीटर पहले सोमानी की कार को रोका और सोमानी को अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद सोमानी को लगातार बेहोशी के इंजेक्शन लगाते रहे। अपहरणकर्ताओं ने अपनी कार में फर्जी नम्बर लगा रखा था। जांच में यह नंबर एक ट्रैवल एजेंसी का पाया गया। अपहरणकर्ता प्रवीण को सिमगा, चिल्फी होते हुए कटनी और फिर इलाहाबाद ले गए। उसके बाद यूपी के अंबेडकर नगर में ही एक घर में बंद कर दिया और गैंग का सरगना पुलिस को छकाने के लिए खुद बिहार के वैशाली पहुंच गया।सूरत में बनाई थी अपहरण की योजनाडीजीपी अवस्थी ने बताया कि प्रवीण सोमानी के अपहरण की पूरी योजना सूरत जेल में बनाई गई थी। पप्पू चौधरी गिरोह के सदस्यों ने आपस मे टारगेट तय करने के लिए बाकायदे गूगल सर्च इंजन का सहारा लिया।हाईटेक अपहरणकर्ताओं की गहरी साजिशपुलिस का कहना था कि अपहरणकर्ता इस कदर शातिर थे कि उन्होंने किडनैपिंग की इस पूरी वारदात में हर एक्शन के बाद अपने सिम कार्ड को बदल दिया। यह पूरा गैंग अलग-अलग लेवल पर बंटा हुआ था। गाडिय़ों का बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी, प्रवीण सोमानी को छुपाने की जिम्मेदारी और फिेरौती के लिए फोन करने की जिम्मेदारी गैंग के अलग-अलग गु्रप्स को दी गई थी। इन ग्रुप्स का आपस में कोई संपर्क नहीं था। यहां तक कि जब प्रवीण सोमानी को एसएसपी ने छुड़ा लिया उसके बाद भी लगातार फिरौती के लिए फोन आते रहे। प्रवीण के साथ नहीं हुई मारपीटएसएसपी रायपुर का कहना था कि अपहरणकर्ताओं ने प्रवीण के साथ कोई मारपीट नहीं की है। लेकिन उन्हें मानसिक तौर पर जरूर प्रताडऩा दी गई है। लौटी रौनक : उद्योगपति सोमानी के सकुशल वापस रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनके परिवार के लोगों ने उन्हें गोद में उठा लिया। [typography_font:18pt;” >छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना था कि इस मामले में जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हम लोगों ने तकरीबन 500000 मोबाइल कॉल्स और 2000 किलोमीटर का सीसीटीवी फुटेज खंगाला है। इस पूरे काम में ही 4 दिन लग गए छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह भी बताया कि यह गैंग इतना ज्यादा हाईटेक था कि वह प्रवीण सोमानी के अपहरण के बाद किये गए हर एक्शन में अपने मोबाइल सिम कार्ड बदल दे रहे थे। पुलिस का कहना था कि न तो उनकी कॉल ट्रेस की जा पा रही थी न तो उनका लोकेशन मिल रहा था। छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना था कि इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ा श्रेय साइबर सेल को जाता है आईजी, एसएसपी समेत 60 से अधिक लगे थे ऑपरेशन मेंउद्योगपति सोमानी की तलाश में रायपुर एसएसपी आरिफ शेख सहित 60 से अधिक पुलिस ऑफिसर लगे थे। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस को बिहार के किडनैपरों की संलिप्तता का पता चला। इसके बाद पुलिस हाजीपुर, पटना, वैशाली और उससे लगे हुए इलाकों में लगातार सर्चिंग करते रहे। पुलिस को किडनैपिंग के लिए कुख्यात पप्पू चौधरी के बारे में पुख्ता सबूत मिला। टीम में एएसपी क्राइम पंकज चंद्रा, एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल, सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी, सीएसपी नसर सिद्दीकी, डीएसपी लोकेश देवांगन आदि शामिल रहे।