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CG Politics: बिरनपुर हिंसा को लेकर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने उप मुख्यमंत्री साव से मांगा इस्तीफा

CG Politics: भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को निशाने पर लेते हुए वोटों के ध्रुवीकरण के लिए घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है।

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CG Politics: बिरनपुर हिंसा को लेकर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने उप मुख्यमंत्री साव से मांगा इस्तीफा

CG Politics: रायपुर बिरनपुर हिंसा मामले में सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के साथ एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को निशाने पर लेते हुए वोटों के ध्रुवीकरण के लिए घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बिरनपुर हिंसा मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल चार्टशीट को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस मुयालय राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस की। दीपक बैज ने कहा, बिरनपुर मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि दो पक्षों के बीच आपसी झगड़ा था, जो बढ़ते-बढ़ते सांप्रदायिक रूप ले लिया। इसमें कोई राजनीतिक हाथ नहीं था, लेकिन उस समय बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस पर झूठा आरोप लगाया था। भाजपा ने जानबूझकर इसे राजनीतिक रूप दिया।

बैज ने कहा, उस समय तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव घटनास्थल गए थे। घटना से फायदा लेने के लिए लोगों के बीच जाकर आग लगाने का काम किया। इस घटना से संबंधित व्यक्ति को चुनाव में टिकट देकर लाभ लिया। बैज ने कहा, अगर थोड़ी बहुत मानवता है तो अरुण साव को इस्तीफा दे देना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। केंद्र के तमाम नेताओं ने गलत तरीके से लोगों के बीच घटना को प्रस्तुत कर कांग्रेस को बदनाम किया।

बैज पहले अपने तत्कालीन मंत्री और सीएम से सवाल करें : साव

इस पर साव ने पलटवार करते हुए कहा कि दीपक बैज को बिरनपुर घटना की पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए वे ऐसा बयान दे रहे हैं। जिस दरिंदगी के साथ कांग्रेस शासन में 22 साल के युवक की हत्या की गई थी। उस दौरान उनके मंत्री और मुयमंत्री के मुंह से सहानुभूति का एक शब्द नहीं निकला। पीड़ित परिवार के लोगों से मिलने तक नहीं गए। उल्टा तालिबानी की तरह साहू समाज के लोगों पर एफआईआर कर दी गई। दीपक बैज को पहले तो अपने तत्कालीन मंत्री और मुयमंत्री से इस बारे में सवाल करना चाहिए। फिर बयान देना चाहिए।