7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नक्सलियों के इसी माह बड़े अभियान की तैयारी, खुफिया विभागों को किया गया सक्रिय

नक्सलियों के खिलाफ इस माह के अंतिम सप्ताह में बड़ा अभियान चलाए जाने के संकेत मिले हैं।

2 min read
Google source verification
नक्सलियों के इसी माह बड़े अभियान की तैयारी, खुफिया विभागों को किया गया सक्रिय

नक्सलियों के इसी माह बड़े अभियान की तैयारी, खुफिया विभागों को किया गया सक्रिय

रायपुर. नक्सलियों के खिलाफ इस माह के अंतिम सप्ताह में बड़ा अभियान चलाए जाने के संकेत मिले हैं। इसके तहत नक्सलियों की गतिविधियों को एक दायरे में घेरने के लिए रणनीति बनाई गई है। इसके लिए फोर्स को योजनाबद्ध तरीके से प्रभावित इलाकों में उतारा जाएगा। पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय कायम कर संयुक्त रूप से इसे अंजाम देने की योजना बनाई गई है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के निर्देश पर इसका खाका तैयार किया जा रहा है। इसके लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के अधिकारी कवायद में जुटे हुए हैं। बताया जाता है योजना के तहत पी. सुंदरराज को बस्तर का प्रभारी महानीरिक्षक बनाकर बस्तर भेजा गया है।

नक्सली मोर्चे पर लंबे समय तक काम करने के अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि नक्सलियों की लगातार बढ़ रही गतिविधियों को देखते हुए पहले उन्हें दंतेवाड़ा का डीआईजी बनाकर भेजा गया था। इस दौरान लगातार प्रभावी कार्रवाई की गई थी। इसके चलते नक्सली जंगलों को अंदरूनी इलाकों तक सिमटकर रह गए थे।

नक्सली के अधिकांश दल राज्य के सीमांत इलाकों में सक्रिय है। अभियान के दौरान शिकंजा कसने और फोर्स की घेराबंदी को देखते हुए जंगल के रास्तों से पड़ोसी राज्यों में चले जाते हैं। ऑपरेशन से जुड़े अफसरों ने बताया कि इस समय नक्सलियों के अधिकांश दल सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले में सक्रिय है। वहां 20 छोटे-बड़े दल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए घटनाओं को अंजाम देते हैं।

नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने खुफिया विभाग की टीम को इनपुट जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। उनकी सुचनाओं पर फोर्स को उतारा जाएगा। बताया जाता है कि राज्य में चुनाव निपटाने के बाद अब फोर्स को जंगल में उतारा जाएगा। बता दें कि नक्सली प्रभाव अब जंगल के अंदरूनी इलाकों तक रह गया है। मुठभेड़ में मारे जाने और पकड़े जाने के डर से वह आईईडी का सहारा ले रहे हैं।

प्रभारी आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि नक्सली समस्या का निराकरण करना पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए पड़ोसी राज्यों, ऑपरेशन से जुड़े अफसरों के साथ चर्चा करने के बाद ऑपरेशन चलाया जाएगा। सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद योजनाबद्ध तरीकों से काम करेंगे।

115 आईईडी निष्क्रिय