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शांति सरोवर आश्रम पहुंची राष्ट्रपति मुर्मु, CM बघेल बोले- ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया

President Murmu In Raipur : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय प्रवास पर आज सुबह रायपुर पहुंची है।

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शांति सरोवर आश्रम पहुंची राष्ट्रपति मुर्मु, CM बघेल बोले- ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया*

शांति सरोवर आश्रम पहुंची राष्ट्रपति मुर्मु, CM बघेल बोले- ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया*

रायपुर। President Murmu In Raipur : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय प्रवास पर आज सुबह रायपुर पहुंची है। जग्गनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद ईश्वरीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव में शामिल होने शांति सरोवर आश्रम पहुंची हैं। राष्ट्रपति यहां पर विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव ‘ईयर ऑफ पॉजिटिव चेंज’ थीम की लॉन्चिंग करेंगी। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए।

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सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रपति का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरव का क्षण है। उनकी इस यात्रा के लिए मैं छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से आपको बहुत धन्यवाद देता हूं। आज राष्ट्रपति, पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है।

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यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है। आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है। हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सबकुछ एक जैसा है। यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है। यह बड़ा ही शुभअवसर है। रक्षाबंधन का समय है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ भी हो रहा है।

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सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं। छत्तीसगढ़ प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है। मैं इसके लिए इस मंच से आभार व्यक्त करता हूं।