17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Public problem in Raipur: 400 करोड़ की अमृत मिशन योजना प्यास बुझाने में हॉफी, फिर टैंकर दौड़ाने की नौबत

रायपुर शहर ( Raipur city) के 70 वार्डों के लोगों को शुद्ध और दोनों वक्त भरपूर पीने का पानी (clean and adequate drinking water ) मुहैया कराने में करोड़ों रुपए की अमृत जल मिशन योजना (The Amrit Jal Mission scheme ) हॉफ गई। करीब 400 करोड़ खर्च करने के बाद निगम प्रशासन और स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company ) के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। गर्मी में एक बार फिर टैंकर (tankers) दौड़ाने की नौबत है।

2 min read
Google source verification
Public problem in Raipur: 400 करोड़ की अमृत मिशन योजना प्यास बुझाने में हॉफी, फिर टैंकर दौड़ाने की नौबत

Public problem in Raipur: 400 करोड़ की अमृत मिशन योजना प्यास बुझाने में हॉफी, फिर टैंकर दौड़ाने की नौबत

वार्ड में भी 24 घंटे जलापूर्ति नहीं

स्मार्ट सिटी कंपनी अपने पायलट प्रोजेक्ट वाले वार्ड में भी 24 घंटे जलापूर्ति नहीं करा पाई। जीआई सर्वे के अनुसार, 2 लाख 40 हजार से अधिक मकान और दुकानें हैं। दो सालों से दावे यही किए जाते रहे कि अमृत मिशन योजना के तहत 22 टंकियों से नए पाइप से पेयजल आपूर्ति होने से गंदा पानी नलों में आने से निजात मिलेगी। फिर भी खामियां ऐसी कि आज तक सुधार नहीं हुआ है। पुराने पाइपलाइन से आज भी शहर के अधिकांश क्षेत्र में कनेक्शन बरकरार है, जिसे नए कनेक्शन के साथ डिस्कनेक्ट नहीं किया गया है। ऐसे में पानी का प्रेशर कम होने से कमांड एरिया तक लोगों के घरों में पतली धार आती है। ऐसे में लोगों को टैंकरों के ऊपर ज्यादा निर्भर होना पड़ता है। अगले महीने से गर्मी और तेज होने वाली है, ऐसे में पानी खपत बढ़ेगी।

दोनों लाइन से सप्लाई, लीकेज बड़ी समस्या

पुरानी और नई पाइप लाइनों के अंडरग्राउंड डिजाइन में काफी घालमेल होने की वजह से पानी सप्लाई सिस्टम दुरुस्त नहीं हो पा रहा है। बैरन बाजार और देवेंद्रनगर टंकी से पं. रविशंकर वार्ड के कई हिस्सों में सप्लाई होती है। यहां सबसे अधिक दिक्कत ये है कि पुरानी लाइन काटी ही नहीं गई है। पिछले महीने इसी वजह से लोगों के घरों में गंदा पानी आने की शिकायतें थीं। ऐसा ही हाल पुरानी बस्ती क्षेत्र का है। जहां आज भी जलापूर्ति सामान्य नहीं हो पाई है। दूसरी तरफ पाइपलाइन में कहीं न कहीं लीकेज की समस्या बनी हुई है।

बड़ा हिस्सा टैंकर के भरोसे

इस गर्मी फिर लाभांडी, फुंडहर क्षेत्र के लोगों की प्यास टैंकरों की भरोसे बुझेगी। क्योंकि निगम प्रशासन ने 50 लाख रुपए का टेंडर प्राइवेट टैंक लगाने के लिए जारी किया है। दूसरी ओर, लाभांडी और फुंडहर पानी टंकी अमृत मिशन योजना से बनकर दो साल से तैयार है, लेकिन इन दोनों टंकियों में मेन पाइपलाइन बिछाने के लिए फंड का टोटा है। 46 करोड़ रुपए का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन में पिछले छह महीने से धूल खा रहा है। ऐसे में इस गर्मी पाइपलाइन से पानी मिलना संभव नहीं।

व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश

गर्मी के दिनों में पेयजल आपूर्ति सामान्य रूप से कराने दो दौर की बैठकें अफसरों के साथ हुई है। इस मामले में बिल्कुल लापरवाही नहीं चलेगी। जल कार्य विभाग को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।
मीनल चौबे, महापौर

पेयजल आपूर्ति सिस्टम एक नजर में

-70 वार्ड नगर निगम

  • 2 लाख 40 हजार मकान, दुकानें
  • 43 कुल पानी टंकियां
  • 400 करोड़ अमृत मिशन में खर्च
  • 24 घंटे मोतीबाग और गंज मंडी टंकी से सप्लाई का दावा