भूपेश बघेल ने मांग कि है की ताड़मेटला कांड पर सीबीआई के हलफनामे और सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले में आईजी एसआरपी कल्लूरी सहित सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि ताड़मेटला कांड पर सीबीआई के हलफनामे और सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले में आईजी एसआरपी कल्लूरी सहित सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और गिरफ्तार कर सभी को अविलंब जेल भेजा जाए।
बघेल ने कहा है कि सीबीआई जांच और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार के पास तुरंत कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहा है। अदालत का आदेश कांग्रेस के उन आरोपों की पुष्टि करता है कि बस्तर में पुलिस आईजी कल्लूरी के नेतृत्व में आदिवासियों की हत्या की जा रही है और उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। ताड़मेटला कांड को कल्लूरी के आदेश पर अंजाम दिया गया था, उस समय कल्लूरी ही दंतेवाड़ा के एसएसपी थे। उनके ही निर्देश पर आदिवासी महिलाओं को प्रताड़ित किया गया और उनके घर जलाए गए।
नन्दिनी सुंदर की याचिका पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि कल्लूरी ने ही ताड़मेटला कांड को अंजाम दिया था। नेताओं ने पत्रकारवार्ता में कहा कि कल्लूरी पर पहले भी गंभीर आरोप लगे हैं। कल्लूरी पर निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने के आरोप भी लगते रहे हैं। अभी हाल में दो बच्चों को नक्सली बताकर मरवा दिया। शहीद महेन्द्र कर्मा की पत्नी कांग्रेस विधायक देवती कर्मा ने इस फर्जी मुठभेड़ का विरोध किया तो उन पर अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि कल्लूरी के कार्यकाल में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी बस्तर में काम करना दूभर हो गया है। नंदिनी सुंदर को कल्लूरी की शह पर चलने वाली संस्था ने नक्सली होने का आरोप क्यों लगाया था अब यह स्पष्ट हो गया है। कांग्रेस मांग करती है कि ताड़मेटला कांड के लिए दोषी आईजी कल्लूरी और उस समय वहां तैनात सभी पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
इस मामले में और जांच का बहाना भी न बनाया जाए क्योंकि देश की सर्वोच्च संस्था ने जांच के बाद ही हलफनामा दिया है जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार करते हुए फैसला दिया है। भूपेश बघेल ने उम्मीदें जताई कि अब मुख्यमंत्री रमन सिंह इस आततायी पुलिस अधिकारी को बचाकर सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना नहीं करेंगे। अब समय आ गया है जब सरकार नक्सल विरोधी अपने अभियान पर अपनी पीठ थपथपाने की जगह इसे बंद करे क्योंकि ये मूल रूप से बस्तर से आदिवासियों को खत्म करने का अभियान हो गया है। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार मड़कम हिड़मे से लेकर हाल ही में दो युवक सोनकू, बीजलू के फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने सहित सभी विवादित मामलों को जांच के लिये सीबीआई को सौंप दे।