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NGT का बड़ा फैसला: सफाई नहीं हुई तो मेयर-पार्षदों के खिलाफ होगी FIR

राजधानी की साफ-सफाई में लापरवाही हुई तो निगम के महापौर और वार्ड के पार्षद जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ  अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा।

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Kanchan Jwala

Jul 21, 2016

mayor, councilors FIR

mayor, councilors FIR

रायपुर.
राजधानी की साफ-सफाई में लापरवाही हुई तो निगम के महापौर और वार्ड के पार्षद जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। यह फैसला शहर के नागरिक नितीन सिंघवी की ओर से मार्च में भोपाल स्थित एनजीटी सेंट्रल जोनल बेंच में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए बेंच की ओर से दिया गया है।


ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि शहर की सफाई के संबंध में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। दो सप्ताह में कमिश्नर नगर पालिका निगम, निर्वाचित प्रतिनिधि और मेयर यह सुनिश्चित करेें कि साफ-सफाई के पालन के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे और बरसात के पानी के साथ सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड से कचरा खारुन नदी में नहीं जाएगा। साफ-सफाई के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाने पर ट्रिब्यूनल छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को केस दर्ज करने का आदेश भी दिया है।


याचिका दायर करने का आधार

अधिवक्ता शिवेन्दु जोशी ने बताया कि रायपुर की वर्तमान स्थिति एनजीटी के सक्षम रखी गई। जिसमें विभिन स्थानों में पड़े और बरसात में सड़ रहे कचरे। सरोना डंपिंग ग्राउंड की फोटो और लिखे गए पत्रों को प्रस्तुत किया गया। बीमारियां फैलने और अस्पतालों में डायरिया और पीलिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का आधार बनाया गया था। इसके अलावा सरोना डंपिंग साइट से कचरा और कचरे से होकर गुजरने वाला पानी खारुन नदी में ना मिले। यह भी बताया गया कि व्यापक रूप से शहर में कचरा जलाया जाता है।


हर दिन निकलता है 600 टन कचरा

शहर से हर दिन करीब 600 टन कचरा निकलता है। जिसमें करीब 400 टन कचरे का ही परिहवन निगम प्रशासन ट्रेचिंग ग्राउंड सरोना में करता है। बाकी करीब 200 टन कचरा शहर के विभिन्न वार्डों में बनाए गए डंपिंग जोन में पड़ रहता है। 15-15 दिन तक वहां से कचरा नहीं उठाया जाता है। लोगों की शिकायत के बावजूद न तो जोन कमिश्नर और न ही जोन के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी कचरा उठाने के लिए वाहन भेजते हैं।


निगम की वर्तमान व्यवस्था

नगर निगम ने शहर के सभी 70 वार्डों के लिए वर्तमान में 2060 प्लेसमेंट के कर्मचारी और 800 निगम के नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। वार्डों और प्रमुख मार्गों से निकलने वाले कचरे के परिवहन के लिए हर वार्ड में दो से ती डंपर और चार से पांच आटो ट्राली लगाई है। इसके लिए दोपहर 1 से शाम 6 बजे तक प्रमुख मार्गों के किनारे और नुक्कड़ों पर पड़े कचरे को उठाने के लिए विशेष गैंग भी बनाई है।


4 अगस्त को सुनवाई

एनजीटी ने नगर निगम को फिर शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए किए गए उपायों की रिपोर्ट पेश करने के लिए 4 अगस्त तक समय दिया है। इसी दिन फिर से सुनवाई होगी।


क्या कहते हैं महापौर

महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए मैं तो कार्यभार ग्रहण करने के शुरू दिन से प्रयासरत हूं। राज्य शासन से 300 अतिरिक्त कर्मचारी बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भी दिया है। इसके अलावा संसाधन बढ़ाने के लिए राशि की मांग भी की है। राज्य शासन ही सहयोग नहीं कर रहा है।

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