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रायपुर : दीक्षांत का मतलब विद्यार्थी ज्ञान से अपने जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करें : राज्यपाल उइके

मुख्य वक्ता वाजपेयी ने कहा- वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी (Ashok vajpayee) ने कहा कि सपने वही बड़े होते हैं, जो दूसरों के लिए देखे जाते हैं और प्रार्थना भी वही बड़ी होती है जो दूसरों के लिए की जाती है। उन्होंने कहा कि दुनिया को बदलने की क्षमता युवाओं में है, अत: युवाओं को सपने अवश्य देखना चाहिए। वाजपेयी ने वरिष्ठ साहित्यकार गजानंद माधव मुक्तिबोध को याद करते हुए कहा कि सफ लता की शुरूआत ही विफ लता से होती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की साहित्य, संस्कृति, परम्परा की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रदेश ने

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फ्रेंच जोड़े ने मारवाड़ में रचाई हिन्दू रीति रिवाज से शादी,,,

फ्रेंच जोड़े ने मारवाड़ में रचाई हिन्दू रीति रिवाज से शादी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने शोधार्थियों को उपाधि और प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।,CM Bhupesh बुधवार को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत-समारोह को संबोधित करते हुए.,राज्यपाल उइके बुधवार को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत-समारोह को संबोधित करते हुए।

रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि सही अर्थ में दीक्षांत वह है जब विद्यार्थी अब तक प्राप्त ज्ञान के आधार पर अपने जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करें और अपने अर्जित ज्ञान को मूर्त रूप देते हुए जीवन के संघर्षमय मार्ग में अग्रसर हो सके। जिन विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त कर प्रतिज्ञा ली है वे संस्कारों को अपनाते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। यह बात राज्यपाल उइके ने बुधवार को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) के 25वें दीक्षांत-समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने शोधार्थियों को उपाधि और प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।

राज्यपाल उइके ने कहा मूल्यों का सदैव ध्यान रखें
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की उच्च-शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि वे वर्तमान युवा पीढ़ी एवं भावी पीढ़ी के लिए उच्च स्तरीय शैक्षणिक माहौल तैयार करें ताकि उनके और मानव-जाति के विकास की राह प्रशस्त हो सके। साथ ही ऐसी Education system विकसित करनी चाहिए जो इन युवाओं को अपने देश की संस्कृति, अनुशासन, संयम और अध्यात्म से प्रत्यक्ष जोड़ सके। उन्होंने कहा कि युवा-वर्ग से मेरी अपेक्षा है कि वह न सिर्फ आत्मनिर्भर बनते हुए पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों को सहर्ष पालन करें बल्कि अपने नैतिक मूल्यों को भी अच्छी तरह समझें। ये मूल्य ही आगे राष्ट्र-मूल्य बनकर हमें देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन कराना सिखाते हैं। उइके ने कहा कि देश और समाज के सम्पूर्ण विकास के लिए वैज्ञानिक उन्नति तो आवश्यक है ही परंतु हमें अपनी जमीन को नहीं छोडऩा है, जहाँ से हम आगे बढ़े हैं। हमें इन मूल्यों का सदैव ध्यान में रखना चाहिए।

CM भूपेश ने कहा-युवा छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण में भूमिका निभायें
मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले शोधार्थी-विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि जो विद्यार्थी शोध करने के इच्छुक हैं, वे ऐसे विषयों का चयन करें, जिनका वर्तमान परिवेश में अधिक आवश्यकता है। विश्वविद्यालय से उपाधि पाने वाले युवा अपने रोजगार तथा कैरियर के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वाह में भी अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर राज्य सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़ रही है। 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी-नरवा, गरवा, घुरवा, बारीÓ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस योजना की चर्चा पूरे देश में है। अमेरिका प्रवास के दौरान लोगों ने बड़ी उत्सुकता से इस योजना की जानकारी ली। उच्च शिक्षा के साथ प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अपने ग्राम के विकास, पशुधन संरक्षण और कृषक जीवन के विषय को अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र से जोडऩे की आवश्यकता है, ताकि उच्च शिक्षा जीवन के सभी पहलुओं से जुड़ सके। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल बोले-
देश एवं समाज के विकास में उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के माध्यम से सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक परिवर्तन संभव है। आज के बदलते परिवेश में वैश्विक अथज़्व्यवस्था का ज्ञान प्रदान करने वाली इकाई के रूप में शिक्षा किसी देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ी हुई एक महत्वपूर्ण कड़ी है। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता है। इसे देखते हुए राज्य शासन द्वारा उच्च शिक्षण संस्थाओं को सर्वसुविधा संपन्न बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रोफेसर K.L Verma भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद्,विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।