वास्तु शास्त्र में हर एक वस्तु और उसके रखरखाव का विधान है। कभी-कभी हम घर में अनजाने में एेसी चीजों का निर्माण करा लेते है कि उसका बुरा प्रभाव उनके जीवन पर होने लगता है, जिसके फलस्वरूप उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बता रहे है कि घर का मार्ग कैसा रहना चाहिए और दरवाजे का रुख किस दिशा में होना चाहिए जिससे वास्तु जैसी बाधा आपके केरियर पर रुकावट न बनें।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दरवाजे के ठीक सामने सीधे रास्ता नही होना चाहिए, इस नियम को बनाने के पीछे केवल यह वजह हो सकती है कि अगर दरवाजा ठीक टी जंक्शन में रोड के सामने होगा तो एक्सीडेंट की सम्भावना बनती है।
-ठीक इसी तरह अगर आपका भूखंड बड़ा है और आपके भवन के ठीक सामने सामने काफी जगह छोड़ी गयी है तो रास्ता सीधे न होकर घुमावदार होनी चाहिए।
-किसी भी निर्माण का कोना यदि मुख्य प्रवेश द्वार की ओर हो तो यह नकारामक उर्जा को मुख्य द्वार की ओर भेजता है अत: मुख्य द्वार बनाते समय यह ध्यान रखें कि किसी भी भवन का कोना आपके द्वार के ठीक सामने ना हो। कोई भी बिजली या टेलीफोन का खम्बा मुख्य द्वार के ठीक सामने ना हो क्योंकि यह मार्ग दोष की श्रेणी में आता है।
-मुख्य द्वार के ठीक सामने का भूखंड ऊँचा होने से घर के अंदर आने वाली सकारात्मक उर्जा को रोकती है इसलिए अगर आपके घर के ठीक सामने नई बनी हुयी सडक ऊँची हो गया हो तो अपने घर के स्तर को ऊँचा उठाना चाहिए
-अगर आपका भूखंड उत्तर या पूर्व मुखी है तो घर का पिछला हिस्सा पश्चिम या दक्षिण होगा , घर का पिछला हिस्सा पश्चिम या दक्षिण हिस्से को हमेशा ऊँचा और भारी रखना चाहिए ,घर का पिछला हिस्सा पश्चिम या दक्षिण हिस्सा नीचे होने से वास्तु दोष होता है।