आग से योगेश की छाती, पेट, हाथ, पैर और सामने का हिस्सा बुरी तरह झुलस गया है। इस कारण खून में संक्रमण जल्दी हो गया। अगर 15 दिन तक युवक की स्थिति स्थिर रहती है, तो उसके ठीक होने की संभावना बन सकती है। कालड़ा नर्सिंग होम के डॉ. सुनील कालड़ा ने बताया कि ब्लड में इंफेक्शन की वजह से स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन उपचार से हालत स्थिर है और अधिक नहीं बिगड़ रही है।