
विधवा महिला को एंबुलेंस से अगवा कर ले गए शहर से दूर, फिर झोपड़ी में रातभर किया दुष्कर्म
रायपुर. निजी एंबुलेंस चालकों ने एक विधवा महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया। उसे घर तक छोडऩे का झांसा देकर सिलतरा के सुनसान स्थान पर ले गए और रातभर बंधक बनाकर अनाचार किया। सुबह करीब 5 बजे किसी तरह महिला आरोपियों के चंगुल से भागकर मौदहापारा थाने पहुंची। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस अभी तक आरोपियों का एंबुलेंस जब्त नहीं कर पाई है।
ये है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक स्टेशन रोड के एक होटल में काम करने वाली 30 वर्षीय महिला अपना काम खत्म करके घर जा रही थी। रात करीब 10.30 बजे वह आंबेडकर अस्पताल के सामने सवारी ऑटो का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान आंबेडकर अस्पताल में एंबुलेंस चलाने वाला नवीन राठौर उर्फ विक्की और पीयूष राव भोसले उर्फ सोनू अपनी एंबुलेंस लेकर पहुंचा। नवीन से आंबेडकर अस्पताल में एक-दो बार महिला मिल चुकी थी।
घर न ले जाकर ले गया झोपड़ी और..
नवीन ने उसे घर तक छोडऩे का आश्वासन दिया। महिला भरोसा करके उसके एंबुलेंस में बैठ गई। इसके बाद नवीन उसे उसके घर न ले जाकर सिलतरा ले गया। महिला ने इसका विरोध किया, तो दोनों उससे मारपीट करने लगे। इससे महिला घबरा गई। दोनों महिला को सिलतरा के सुनसान स्थान पर बनी एक झोपड़ी में ले गए। इसके बाद दोनों ने महिला से अनाचार किया। महिला ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने पकड़ लिया।
आरोपी नशे में धुत थे। तड़के करीब 5 बजे महिला आरोपियों के चंगुल से बचकर भाग निकली और मौदहापारा थाने पहुंची। इसके बाद दोनों के खिलाफ शिकायत की। मौदहापारा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अपराध में इस्तेमाल एंबुलेंस जब्त नहीं
आरोपियों ने जिस एंबुलेंस में महिला को जबरदस्ती बैठाया था और घटना स्थल पर ले गए। उसको पुलिस ने अब तक जब्त नहीं किया है। बताया जाता है कि यह एंबुलेंस आंबेडकर अस्पताल परिसर में खड़ी रहती थी और मरीजों को लाने-ले जाने का काम करती थी। एंबुलेंस के दस्तावेज आरोपियों के नाम पर नहीं है।
पति का मृत्युप्रमाण पत्र बनाने में की थी मदद
सामूहिक दुष्कर्म का मुख्य आरोपी नवीन की पीडि़ता से पहचान आंबेडकर अस्पताल में हुई थी। पीडि़ता के पति की तबीयत खराब थी। उनका उपचार आंबेडकर अस्पताल में चल रहा था। इस दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद पीडि़ता मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल के चक्कर काट रही थी। इस बीच नवीन से उसकी मुलाकात हुई। नवीन ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था। इस कारण पीडि़ता उसको पहचानती थी।
Published on:
18 Jan 2019 07:59 pm
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