
वैलेंटाइन डे पर छत्तीसगढ़ पारंपरिक वेशभूषा में रवि-शीतल।
ताबीर हुसैन @ रायपुर.ये कहानी फिल्म से शुरू होकर वास्तविक जीवन तक पहुंची। इसलिए कह सकते हैं रील से रियल तक का सफर। वैसे दोनों की हाइट देखकर अमिताभ-जया वाली फीलिंग भी आती है। तो हम बात कर रहे हैं । भाठागांव निवासी रवि साहू और शीतल दास साहू की। दोनों छत्तीसगढ़ी फि़ल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। 2010 में सलाम छत्तीसगढ़ के सेट पर वे मिले। इस फिल्म में वे जोड़ी थे। जो आगे चलकर रियल कपल बन गए। शीतल बताती हैं कि रवि को लेकर प्यार वाली फीलिंग नहीं थी। हां ये जरूर है कि जब शूट के दौरान सारे लोग हों औऱ वे न हों तो मैं मिस किया करती थी। हमको हमारे प्यार का अहसास तो टीम लोगों ने कराया। वे हम दोनों को लेकर चिढ़ाया करते थे। सलाम छत्तीसगढ़ के 2 गाने काफी बाद में शूट हुए। उसी दौरान हमें लगा कि एक साथ जीवन गुजार सकते हैं। हमने सलमान की बॉडीगार्ड देखी थी जो अच्छी यादों में शामिल है। इनकी एक भोजपुरी फि़ल्म रही है- दुल्हन चाही बिहार से। जब ये एक्ट्रेस लवली अहमद के साथ रील बना रहे थे तो मैंने फोन कर कहा कि आप दोनों की केमेस्ट्री नहीं जम रही है। कुछ ऐसा करें कि बॉन्डिंग नजर आए। कहने का मतलब यह कि हम दोनों के बीच भरोसा है। परफेक्शन के मामले में मैं खुद उन्हें टोक देती हूं कि बेहतर करें।
मैं इसे छोटी सी लव स्टोरी मानता हूं
रवि कहते हैं कि हमारी प्रेम कहानी छोटी सी है। क्योंकि न तो हमने अन्य प्रेमियों की तरह डेट की और न ही लंबे समय तक इंतजार। जब हमने यह तय किया कि आगे की जिंदगी साथ गुजारनी है तो मैं शीतल के घरवालों से मिलकर अपनी बात रख दी। 13 अप्रैल 2012 को हम वैवाहिक बंधन में बंध गए।
इसलिए होने लगे हैं ब्रेकअप
इन दिनों जितनी जल्दी रिश्ते जुड़ते हैं, वैसे ही ब्रेकअप भी हो जाता है। इस सवाल पर रवि कहते हैं कि इसकी वजह स्मार्ट फोन है। पहले लोग एक-दूसरे से अटैच हुआ करते थे बातों से अब तो सबकुछ फ्री है। हमारे टाइम तो बैलेंस का लोचा होता था। उन दिनों टाइम फिक्स रहता था क्योंकि कल फिर बात करनी होती थी। अब सब अनलिमिटेड हो गया तो एक-दूसरे को जल्दी से जल्दी जानते हैं और फिर रोकाटोकी शुरू हो जाती है। इसलिए ब्रेकअप भी होने लगे हैं।
नॉनवेज मैं नहीं बनाती
शीतल ने कहा कि रवि अपनी डाइट्स को लेकर काफी अवेयर रहते हैं। वे खुद ही इसे तैयार करते हैं। मैं नॉनवेज खाती जरूर हूं लेकिन बनाती नहीं। रवि बहुत अच्छा नॉनवेज बना लेते हैं। हालांकि हमारे यहां कम बनता है।
बोलने से पहले ही घुमाने ले जाते हैं
मैं इस मामले में लकी हूं कि घूमने जाने के लिए मुझे खुद से बोलने की जरूरत नहीं पड़ती। रवि खुद ही बोल देते हैं कि आज यहां चलना है। मैंने कभी जिद नहीं की। रवि कहते हैं कि जब कोई कैरेक्टर आर्टिस्ट छत्तीसगढ़ से बाहर जाकर काम करता है तो किसी को आपत्ति नहीं होती जबकि मैं भोजपुरी फिल्म करने गया तो सब कहने लगे कि यार छत्तीसगढ़ में काम नहीं है क्या? जबकि उन्हें तो गर्व होना चाहिए कि हमारे आर्टिस्ट दूसरी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं।
फिटनेस ट्रेनर भी हैं रवि
रवि न सिर्फ एक्टर बल्कि फिटनेस ट्रेनर भी हैं। वे अपनी सुविधा के मुताबिक क्लाइंट को टाइम देते हैं। छालीवुड में संभवत: वे पहले ऐसे एक्टर हैं जो अपनी फिटनेस को लेकर भी जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में जिस भोजपुरी फिल्म दुल्हन चाही बिहार से की शूटिंग पूरी की है वह छत्तीसगढ़ और नागपुर में भी रिलीज होनी है। छत्तीसगढ़ी में उसका नाम मैं तोर धड़कन रखा गया है नागपुर के लिए संगी आईलवयू के नाम से आएगी।
Published on:
14 Feb 2022 12:26 pm
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