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राशि जारी के बाद भी घर-घर नहीं बांटे गए डस्टबिन, वार्डों में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल…

CG News: नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा निकायों को ढेरों दिशा-निर्देश देने के बावजूद निकायों द्वारा इस पर कोई अमल नहीं किया जाता है।

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राशि जारी के बाद भी घर-घर नहीं बांटे गए डस्टबिन(photo-unsplash)

राशि जारी के बाद भी घर-घर नहीं बांटे गए डस्टबिन(photo-unsplash)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में निकायों में जीरो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मुहिम फिलहाल परवान नहीं चढ़ पा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा निकायों को ढेरों दिशा-निर्देश देने के बावजूद निकायों द्वारा इस पर कोई अमल नहीं किया जाता है। निकायों को सूडा द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत घर-घर डस्टबिन बांटने के लिए राशि भी स्वीकृत की गई थी, लेकिन अभी तक डस्टबिन का वितरण तक नहीं किया गया है।

इसी तरह प्रदेश के कुछ निकायों में कचरे से बिजली प्लांट लगाने का प्लान भी बनाया गया था, लेकिन यह प्लांट भी अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है। यही कारण है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के निकाय कभी देशभर के टॉप टेन की सूची में स्थान नहीं बना पाता है। कई बार तो रैंकिंग में भी गिरावट आ जाती है।

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CG News: सूखा और गीला कचरा एक साथ दे रहे लोग

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत निकायों को सूखा और गीला कचरा के लिए अलग-अलग डस्टबिन घर-घर बांटना था, लेकिन रायपुर जैसे सबसे बड़े नगर निगम में भी अलग-अलग डस्टबिन नहीं बांटे गए हैं। ऐसे में लोग कचरा लेने आने वाले कचरा गाड़ी के कर्मचारी को एक साथ सूखा और गीला कचरा एक साथ दे रहे हैं।

सड़क पर कचरा गिराते हैं कचरा वाहन

घरों से कचरा कलेक्शन के बाद कचरे को डंप जोन तक नियमानुसार तिरपाल या अन्य प्लास्टिक से ढंक कर गाड़ी में ले जाना है, लेकिन कचरे को गाड़ी में भरने के बाद खुले में ले जाते हैं। ऐसे में खासकर स्पीड ब्रेकर क्रॉस करने के समय गाड़ी से कचरा गिर जाता है। जिसे उठाते भी नहीं है। पूरा दिन कचरा सड़क पर ही पड़ा रहता है।

सफाई कर्मचारी भी पर्याप्त नहीं

वार्डों में निकायों द्वारा जितने सफाई कर्मचारियों की संया निर्धारित की गई है, उतने कर्मचारी कभी भी फील्ड में नजर नहीं आते हैं। गिनती के ही कर्मचारी वार्ड में दिखते हैं। जबकि निकायों द्वारा सफाई कर्मचारियों का पूरा भुगतान किया जा रहा है। औचक निरीक्षण में निकायों के अधिकारियों की सती के बावजूद कोई असर नहीं पड़ता है।