23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ज्ञानपीठ से सम्मानित प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, 88 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Vinod Kumar Shukla passed away: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल (89 वर्ष) का निधन आज रायपुर एम्स में हो गया

2 min read
Google source verification
Vinod Kumar Shukla has passed away

ज्ञानपीठ से सम्मानित प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन ( Photo - Patrika )

Vinod Kumar Shukla passed away: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल (89 वर्ष) का निधन आज रायपुर एम्स में हो गया। बता दें कि सांस लेने में कठिनाई के कारण श्री शुक्ल को दो दिसंबर को एम्स में भर्ती किया गया था। उन्हें वेंटिलेटर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, जहां मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

Vinod Kumar Shukla passed away: हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 में हुआ था। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में जन्मे शुक्ल ने प्राध्यापन को रोजगार के रूप में चुनकर अपना पूरा ध्यान साहित्य सृजन में लगाया। वे हिंदी भाषा के एक साहित्यकार रहे, जिन्हें हिंदी साहित्य में उनके अनूठे और सादगी भरे लेखन के लिए जाना जाता है। हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान, सृजनात्मकता और विशिष्ट लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 में 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गए। विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के 12वें साहित्यकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। शुक्ल छत्तीसगढ़ राज्य के ऐसे पहले लेखक हैं, जिन्हें इस सम्मान से नवाजा गया।

विनोद कुमार शुक्ल को मिल चुके हैं ये पुरस्कार

‘गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप ‘ (म.प्र. शासन)
‘रज़ा पुरस्कार ‘ (मध्यप्रदेश कला परिषद)
‘शिखर सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)
‘राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)
‘दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान’ (मोदी फाउंडेशन)
‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, (भारत सरकार)
‘हिन्दी गौरव सम्मान’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उ.प्र. शासन)
‘मातृभूमि’ पुरस्कार, वर्ष 2020 (अंग्रेजी कहानी संग्रह ‘Blue Is Like Blue’ के लिए)
साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सर्वोच्च सम्मान “महत्तर सदस्य” चुने गये, वर्ष 2021.
2024 का 59वां ज्ञान पीठ पुरस्कार समग्र साहित्य पर दिया गया।
विनोद कुमार शुक्ल की प्रमुख कृतियां
कविता संग्रह
‘लगभग जयहिंद ‘ वर्ष 1971
‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ वर्ष 1981.
‘सब कुछ होना बचा रहेगा ‘ वर्ष 1992.
‘अतिरिक्त नहीं ‘ वर्ष 2000.
‘कविता से लंबी कविता ‘ वर्ष 2001.
‘आकाश धरती को खटखटाता है ‘ वर्ष 2006.
‘पचास कविताएँ’ वर्ष 2011
‘कभी के बाद अभी ‘ वर्ष 2012.
‘कवि ने कहा ‘ -चुनी हुई कविताएँ वर्ष 2012.
‘प्रतिनिधि कविताएँ ‘ वर्ष 2013.
उपन्यास
‘ नौकर की कमीज़ ‘ वर्ष 1979.
‘ खिलेगा तो देखेंगे ‘ वर्ष 1996.
‘ दीवार में एक खिड़की रहती थी ‘ वर्ष 1997.
‘ हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ ‘ वर्ष 2011.
‘ यासि रासा त ‘ वर्ष 2016
‘ एक चुप्पी जगह’ वर्ष 2018.
कहानी संग्रह
‘पेड़ पर कमरा ‘ वर्ष 1988.
‘महाविद्यालय ‘ वर्ष 1996.
‘एक कहानी ‘ वर्ष 2021.
‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ ‘ वर्ष 2021.
कहानी/कविता पर पुस्तक
‘गोदाम’, वर्ष 2020.
‘गमले में जंगल’, वर्ष 2021.