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रेरा नंबर ही रियल एस्टेट की पहचान प्रदेश के 889 प्रोजेक्ट आएंगे दायरे में

रेरा नंबर ही रियल एस्टेट की पहचान प्रदेश के 889 प्रोजेक्ट आएंगे दायरे में

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रेरा नंबर ही रियल एस्टेट की पहचान प्रदेश के 889 प्रोजेक्ट आएंगे दायरे में

रायपुर. रियल एस्टेट सेक्टर में अब रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी (रेरा) नंबर ही पहचान बन चुका है। छत्तीसगढ़ में अब तक 889 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बीते तीन महीने के भीतर रेरा में रजिस्ट्रेशन की संख्या में दोगनी वृद्धि हुई है।

त्योहारी सीजन में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन को लेकर अगस्त से लेकर अक्टूबर महीने के भीतर सबसे ज्यादा आवेदन मिले हैं। बीते तीन महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन की संख्या में 250 से 300 की वृद्धि हुई है। शहर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की खरीदारी करने वाले ग्राहकों में अब जागरूकता बढ़ रही है, लिहाजा कंपनियों ने भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के प्रमोशन के लिए रेरा नंबर को शामिल किया है। रेरा नंबर का जिक्र अब कंपनियों को बैनर-पोस्टर में भी करना होगा।

185 शिकायतें
रियल एस्टेट अथारिटी में अब शिकायतों की संख्या बढ़कर 185 हो चुकी है, इनमें निराकरण प्रकरणों की संख्या भी शामिल हैं। रियल एस्टेट की ज्यादातर शिकायतों के मामलों में वादों के मुताबिक विकास नहीं करना आदि मामले सबसे ज्यादा शामिल हैं।

प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2 से 4 साल का समय
रियल एस्टेट कंपनियों ने पजेशन देने के लिए 2 से 4 वर्ष तक का समय दिया है। इस समय-सीमा के भीतर बिल्डर को प्रोजेक्ट पूरा करना ही होगा।

हर तीन महीने में देनी होगी प्रोग्रेस रिपोर्ट
रेरा में रजिस्टर्ड सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को हर तीन महीने में प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी। रेरा छग ने यह नियम अनिवार्य कर दिया है, जिसमें सभी रियल एस्टेट डवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट के डवलपमेंट रिपोर्ट से रेरा कार्यालय को अवगत कराना होगा। इसमें कॉलोनी के विकास से लेकर मूलभूत सुविधाओं का उल्लेख जरूरी है।