
Road Accident: हादसों के शहर: राजधानी सहित इन 19 जिलों पर रफ्तार का कहर
प्रदेश के 19 जिलों पर रफ्तार का कहर बरपा है। सड़कों हादसों में जान गंवाने वाले की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य पुलिस के आकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 31 अगस्त 2025 के दौरान 8 महीनों में 6500 हादसों में 2960 लोगों की मौत हुई है। वहीं 5650 लोग घायल हुए है। इसमें पिछले साल की अपेक्षा 505 हादसे में 313 की मौत और घायलों में 782 लोगों का इजाफा हुआ है। इनमें से सर्वाधिक हादसे राजधानी रायपुर और उससे सटे हुए जिलों में हुए हैं।
हादसों में सबसे ज्यादा मृतकों की संख्या महासमुंद जिले की है। इसकी मुख्य वजह तेज रफ्तार से वाहन चलाने, दोपहिया में हेलमेट एवं कार में सीट बेल्ट के उपयोग के साथ ही हादसों के बाद तत्काल उपचार उपलब्ध नहीं होना है। राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि वाहन चलाते नियमों का पालन नहीं करने की वजह से अधिकांश हादसे हुए हैं। इसे रोकने के लिए दुर्घटनाजन्य स्थानों की पहचान कर सुधार किया जा रहा है। इसके चलते 14 जिलों में हादसों में कमी आई है।
दुर्घटनाजन्य स्थानों (ब्लैक स्पॉट ) को सुधार करने के लिए प्रत्येक हादसे की समीक्षा की जा रही है। साथ ही उसके वास्तविक कारण की जांच करने के बाद उसमें सुधार किया जा रहा है ताकि दोबारा उसकी पुनरावृति को रोका जा सकें। हालांकि रायपुर और उसके आसपास के जिलों में ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग में सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।
धमतरी, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, बीजापुर, नारायणपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुहीखदान-गंडई, मोहला-मानपुर- अंबागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों में हादसों पर काफी हद तक ब्रेक लगा है। इन जिलों में पहले के मुकाबले कम हादसे हो रहे हैं।
दुर्घटना वाले जिलों पर फोकस
सर्वाधिक दुर्घटनाजन्य स्थानों और जिलों को फोकस में रहते हुए काम किया जा रहा है। हादसों के कारणों की समीक्षा करने के बाद त्रुटियों को सुधारा जा रहा है। इससे 14 जिलों में पिछले साल की अपेक्षा इसी अवधि में सड़क हादसे कम हुए हैं। उम्मीद है कि भविष्य में हादसों पर और काबू पाया जाएगा।
संजय शर्मा एआईजी ट्रैफिक
Published on:
18 Sept 2025 01:09 am
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