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10 साल की उम्र में जज्बे के दम पर आरवी ने जीता स्वर्ण, परिवार का नाम किया रोशन…

Sunday Guest Editor: आरवी के कोच अब्दुल मोईन ने बताया कि आरवी ने दल्लीराजहरा में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप जीतने के बाद नेशनल के लिए क्वालीफाई किया।

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10 साल की उम्र में जज्बे के दम पर आरवी ने जीता स्वर्ण(photo-patrika)

10 साल की उम्र में जज्बे के दम पर आरवी ने जीता स्वर्ण(photo-patrika)

Sunday Guest Editor: छत्तीसगढ़ के रायपुर में जगदलपुर की रहने वाली आरवी कहती है कि जज्बे और आत्मविश्वास के दम पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उसी तरह मैंने खेल में आत्मविश्वास और जज्बा दिखाया, जिसके दम पर नेशनल में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही।

मैं जब अपने साथी बच्चों को कराते की प्रैक्टिस करते देखती थी, तो मुझे भी फाइट करने का मन किया और 5 साल की उम्र से प्रैक्टिस शुरू कर दी। लगातार प्रैक्टिस से आत्मविश्वास बढ़ा, जिस वजह से मैं स्वर्ण पदक जीत पाई। 10 साल की आरवी अवस्थी ने हरियाणा में आयोजित राष्ट्रीय यू थाई चैंपियनशिप में सब जूनियर वर्ग में असम के खिलाड़ी को परास्त कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

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Sunday Guest Editor: राष्ट्रीय यू थाई चैंपियनशिप में सब जूनियर वर्ग स्वर्ण पदक जीतने के बाद आरवी

Sunday Guest Editor: आरवी के कोच अब्दुल मोईन ने बताया कि आरवी ने दल्लीराजहरा में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप जीतने के बाद नेशनल के लिए क्वालीफाई किया। आरवी ने नेशनल चैंपियनशिप में राज्य को पहला गोल्ड दिलाया है। यह बहुत बड़ी बात है। प्रैक्टिस के दौरान मैंने देखा है कि आरवी में कुछ अलग करने की चाह है, वो बहुत मेहनत करती है।

हमारे परिवार में खेल से केवल मैं ही जुड़ी हूं। मुझे बचपन से ही कराते में इंट्रेस्ट था। मैंने यह बात अपने मां-पापा को बताई। उसके बाद उन्होंने मेरा इंट्रेस्ट देखकर मुझे इसकी क्लास में भेजना शुरू किया। मैं 5 साल की उम्र से ही रोजाना 3 घंटे प्रैक्टिस करती हूं।

सोच: पूरे आत्मविश्वास के साथ लगातार प्रयास से हासिल होता है मुकाम sunday@in.patrika.com