
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर गैंगरेप कांड (Balrampur gangrape case) में लापरवाही बरतने वाले वाड्रफनगर एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल और रघुनाथनगर थाना प्रभारी जॉन प्रदीप लकड़ा को निलंबित कर दिया है। महिला अपराध पर मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद बुधवार को पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने यह आदेश कर दिए। बता दें कि 27 सितंबर को हुई 14 वर्षीय नाबालिग बालिका के गैंगरेप की घटना के बाद पिता द्वारा थाने में लिखित शिकायत की गई थी। इसमें बताया गया था कि जंगल में मिट्टी लेने के लिए बालिका गई हुई थी।
इस दौरान उसके साथ आरोपियों ने गैंगरेप किया था। इसकी शिकायत घटना के दो दिन बाद 29 सितंबर को वाड्रफनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में विवेचना के दौरान अफसरों द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। वहीं दबाव के बाद मामले में एक मुख्य आरोपी व उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही बालिका के बयान के आधार पर एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया था। बता दे कि बलरामपुर और कोंडागांव में गैंगरेप की घटना के बाद से विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहा था।
इधर, राजभवन में गृह विभाग की समीक्षा बैठक रद्द
राजभवन में बुधवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक होनी थी। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के क्वारंटाइन में होने की सूचना के बाद यह बैठक रद्द कर दी गई। गृह मंत्री की क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद यह बैठक होगी। मालूम हो कि बस्तर संभाग में बढ़ी माओवादी हिंसा को लेकर राज्यपाल ने चिंता जताते हुए गृह मंत्री साहू को पत्र लिखकर बैठक करने की बात कहीं थी।
भाजपा बोली संवैधानिक संकट के हालात
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा, गृह मंत्री का झूठ पकड़ में आने के बाद प्रदेश में संवैधानिक संकट के हालात पैदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया है, क्वारंटाइन के बहाने राजभवन की बैठक से दूर रहने वाले गृहमंत्री आखिर मुख्यमंत्री की बुलाई गई समीक्षा बैठक में कैसे शरीकहो गए?
सीएम ने कहा - कोताही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने बुधवार को अपने निवासस्थल पर राज्य पुलिस के कामकाज की समीक्षा करने की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि महिला संबंधी अपराधों में किसी भी तरह की कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले इसकी शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाएगी।
बता दें कि सीएम ने महिलाओं के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए प्राथमिकता के साथ मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र लिखकर यौन अपराधों से संबंधित प्रकरणों की शीघ्र सुनवाई के लिए सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का अनुरोध किया था।
Published on:
14 Oct 2020 10:24 pm
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