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मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु अस्पताल, छत्तीसगढ़ में होगा यहां ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, सोनोग्राफी

Hospital For Animals : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में मनोहर गोशाला परिसर के सामने ही मनोहर पशु चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है।

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मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु अस्पताल, छत्तीसगढ़ में होगा यहां ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, सोनोग्राफी

मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु अस्पताल, छत्तीसगढ़ में होगा यहां ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, सोनोग्राफी

रायपुर। Hospital For Animals : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में मनोहर गोशाला परिसर के सामने ही मनोहर पशु चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है। करीब 16 एकड़ की यह परियोजना से मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु अस्पताल निर्मित होगा। यहां पशुओं का ब्लड टेस्ट, एक्स-रे और सोनोग्राफी जैसी अत्याधुनिक सहित विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी तैयार की जा रही है। इस परियोजना में द्वापरयुग कालीन मानव निर्मित वन भी बनाया जा रहा है। इससे गोवंशों को पुराणों में उल्लेखित सुविधाएं आसानी से मिल सके। यहां मुफ्त में गोवंशों का इलाज होगा। भविष्य में इस परियोजना को 100 एकड़ भूमि पर विकसित करने की योजना है।

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गोमूत्र पर चल रहे रिसर्च को वैज्ञानिकों की सराहना

गोशाला परिसर में बन रहे चिकित्सालय का निरीक्षण करने बीते दिनों डब्लूएचओ के डायरेक्टर जितेन्द्र शर्मा खैरागढ़ पहुंचे थे। यहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अस्पताल निर्माण में अपना मार्गदर्शन दिया था। साथ ही गोमूत्र पर चल रहे रिसर्च की प्रशंसा की थी। वर्तमान में गोवंशों पर कामधेनु पशु अनुसंधान केंद्र अंजोरा का मार्गदर्शन मिल रहा है। वहीं, गोमूत्र का फसलों में उपयोग करने पर इंदिरा गांधी कृषि विवि पर रिसर्च कर रहा है।

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हाइड्रोलिक एंबुलेंस चलाने वाली पहली गोशाला

पदम डाकलिया ने बताया, खैरागढ़ की मनोहर गोशाला राज्य में हाइड्रोलिक वेटनरी एंबुलेंस चलाने वाली पहली संस्था है। इस एंबुलेंस की मदद से सड़क पर गंभीर चोटिल गोवंश को मौके पर जाकर उपचार मुहैया कराया जाता है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर गंभीर गोवंशों को उपचार के लिए गोशाला परिसर में भी लाया जाता है। जहां विशेषज्ञों की देख-रेख में नि:शुल्क उपचार किया जाता है।

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ये हाईटेक सुविधाएं होंगी

मनोहर गोशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया, यहां पर गोवंशों के लिए बने इस परियोजना में द्वापरयुग कालीन वन, 1100 गोवंशों के लिए अत्याधुनिक शेड और अलग से चारा भंडार गृह बनाया जा रहा है। वर्तमान में इस परियोजना को 5 एकड़ जमीन में विकसित किया जा रहा है। यहां गंभीर दुर्घटनाओं से चोटिल गोवंशों की सर्जरी भी हो सकेगी। इसके लिए ऑपरेशन थिएटर का भी निर्माण किया जा रहा है। पदम डाकलिया का कहना है कि गोवंश की एक-एक श्वास कीमती है, इसलिए अंतिम सांस तक उनकी सेवा की जाएगी।