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पटाखों की आवाज गुस्सैल हाथी मचाते है आतंक.. प्रशासन ने पटाखे न फोड़ने की लोगों से की अपील

CG News: वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्र और जंगल से सटे हुए वन्य ग्राम(राजस्व ग्राम) में रहने वाली ग्रामीणों के लिए एडवाजरी जारी की है।

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पटाखों की आवाज गुस्सैल हाथी मचाते है आतंक.. प्रशासन ने पटाखे न फोड़ने की लोगों से की अपील

पटाखों की आवाज गुस्सैल हाथी मचाते है आतंक.. प्रशासन ने पटाखे न फोड़ने की लोगों से की अपील

रायपुर। CG News: वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्र और जंगल से सटे हुए वन्य ग्राम(राजस्व ग्राम) में रहने वाली ग्रामीणों के लिए एडवाजरी जारी की है। इसमें स्थानीय ग्रामीणों को पटाखे नहीं फोड़ने की अपील की गई है। साथ ही वन्य ग्राम और जंगल से सटे हुए 10 किमी के दायरे में आने वाले गांव में मुनादी कराई गई है। इसमें उन्हें बताया गया है कि पटाखे फोड़ने से हाथी और अन्य वन्य प्रामीण हिंसक हो सकते है।

इसकी आवाज से वह दहशत में आकर हमला कर सकते है। इसलिए उन्हे तेज आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़ने का अनुरोध किया गया है। वहीं जंगलों को आगजनी के बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर ही बिना आवाज वाले पटाखों का उपयोग किया गया है। बता दें कि प्रदेश का क्षेत्रफल 135224 वर्ग किमी है। इसमें 44.2 फीसदी 59772 वर्ग किमी जंगल है। इसे 6 वन वृत में 32 वनमंडलों में बांटा गया है।

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हाथियों की संख्या

प्रदेश में इस समय करीब 29 जंगली हाथियों के 25 अलग-अलग दल विचरण कर रहे है। इसमें से करीब 18 दल रिहायशी इलाकों की ओर अक्सर आते है। प्रत्येक दल में 10 से लेकर 25 हाथी रहते है। वहीं अन्य हाथी जंगल के भीतर ही रहते है। रिहायशी इलाकों में आने वाले हाथी भोजन-पानी की तलाश में आते है। इस दौरान तोड़फोड़ और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचाते है।

5 साल में 337 व्यक्तियों की मौत

जंगली हाथियों के हमले में पिछले 5 साल में (2018 -2023 मई ) तक 337 लोगों की मौत हुई है। वहीं 13171 घरों को तोड़ने के साथ ही 69470 एकड़ फसलों को नुकसान पहुंचाया। इसे देखते हुए वन विभाग ने हाथियों से लोगो को दूर रहने और उन्हें उकसाने वाली कार्रवाई नहीं करने कहा गया है।

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पटाखों की आवाज से गुस्सा जाते हैं हाथी

जंगली हाथी पटाखों की आवाज से गुस्सा होकर अक्सर हमला करते है। इसे देखते हुए वन विभाग द्वारा तेज आवाज वाले पटाखों को नहीं चलाने कहा गया है। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए दल को लगारार निगरानी करने कहा गया है। ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति निर्मित होने पर लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने के साथ ही हाथियों को वापस जंगल में सुरक्षित रूप से भेजा जा सकें।

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ये हैं इलाके

जंगल के सटे ग्राम करीब 5000

वन्य ग्राम(राजस्व ग्राम) करीब 2600

वन क्षेत्र के अधीन ग्राम 427

छत्तीसगढ़, पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख, वी.श्रीनिवास राव ने कहा-

हाथी प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई हैं। लोगों से अपील की गई है कि ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखों न दगाएं। इससे हाथी दहशत से गुस्से में आकर हमला कर सकते हैं।