
CG News: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में रामकृष्ण केयर अस्पताल में प्रदेश का पहला पीडियाट्रिक कैडेवर लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। मंडला का 11 वर्षीय बालक 6 साल से लीवर सिरोसिस से पीड़ित था। इसके कारण पेट में लगातार पानी भर रहा था। पीलिया होने के कारण दिनों-दिन कमजोर भी हो रहा था। बच्चे को ठीक करने के लिए लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। प्रदेश में एक मरीज ब्रेनडेड घोषित हुआ। इसके बाद वयस्क के लीवर को बालक में ट्रांसप्लांट किया गया। इससे बालक का जीवन बच गया।
अस्पताल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने बताया कि बालक गंभीर था और परिवार में कोई भी डोनर उपलब्ध नहीं था। इसके कारण वह कई अस्पतालों में भटक रहा था। दो माह पहले इलाज के लिए रामकृष्ण अस्पताल आया। गंभीर स्थिति को देखते हुए उनके परिजनों ने सोटो में कैडेवेरिक लीवर ट्रांसप्लांट के लिए पंजीयन करवाया था। एक मरीज के ब्रेनडेड की सूचना मिली। ब्रेनडेड मरीज के परिजनों ने लीवर दान करने पर सहमति जताई।
इसके बाद सोटो यानी स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन को इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन की ओर से दी गई। सोटो ने भी तत्काल लीवर ट्रांसप्लांट की परमिशन दे दी। खास बात यह रही कि वयस्क के बड़े साइज का लीवर का सफल ट्रांसप्लांट किया गया। ट्रांसप्लांट के बाद बालक पूरी तरह स्वस्थ है और अपने सभी काम आसानी से कर रहा है।
डॉ. दवे ने बताया कि मरीज के लीवर दिलाने में अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. एसएन मढ़रिया का बड़ा योगदान रहा। ब्रेनडेड होने के पहले मरीज का इलाज डॉ. मढ़रिया कर रहे थे। उन्होंने मरीज के परिजनों को लीवर दान करने के लिए मनाया।
Updated on:
24 Aug 2024 11:06 am
Published on:
24 Aug 2024 11:05 am
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