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जितना बनता है, उतना देना पड़ेगा… तेलंगाना को भरना होगा 1300 करोड़ का बिजली बिल, छत्तीसगढ़ ने अब तक इतने करोड़ किए माफ़

Chhattisgarh News : तेलंगाना पर छत्तीसगढ़ का 1300 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। लेकिन, वह महज 500 करोड़ देने पर अड़ गया है। इस पूरे विवाद के बीच केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने तेलंगाना से कहा है कि वह गैर विवादित राशि का छत्तीसगढ़ को तत्काल भुगतान करे।

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Raipur News : तेलंगाना पर छत्तीसगढ़ का 1300 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। लेकिन, वह महज 500 करोड़ देने पर अड़ गया है। तेलंगाना यही रवैया अपनाकर पहले भी 200 करोड़ माफ करवा चुका है। लेकिन, छत्तीसगढ़ पावर कंपनी ने भी इस बार साफ कर दिया है कि जितना बनता है, उतना देना पड़ेगा।

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इस पूरे विवाद के बीच केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने तेलंगाना से कहा है कि वह गैर विवादित राशि का छत्तीसगढ़ को तत्काल भुगतान करे। जहां तक विवादित राशि का सवाल है तो दोनों राज्य आपस में चर्चा कर इसका समाधान निकालें। तेलंगाना से ये भी कहा गया है कि मंत्रालय आने वाले दिनों में इस बात की तस्दीक करेगा कि उसने छत्तीसगढ़ को भुगतान किया या नहीं! बता दें कि तेलंगाना छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के अफसरों से संपर्क कर पावर सप्लाई दोबारा शुरू कराने की कोशिशों में जुटा है। इस बारे में लगातार पत्राचार भी हो रहा है। लेकिन, छत्तीसगढ़ ने बिजली बिल का पूरा भुगतान किए बिना पावर सप्लाई दोबारा शुरू करने से साफ इनकार कर दिया है।

कई दफे चेताया, नहीं माने तब जाकर काटी बिजली

पावर कंपनी 2015 में मड़वा प्रोजेक्ट के तहत 500-500 मेगावॉट के 2 पावर प्लांट स्थापित करने का प्रोजेक्ट लेकर आई। तेलंगाना ने छत्तीसगढ़ से एमओयू किया कि वह यहां उत्पादित होने वाली पूरी बिजली खरीदेगा। मई 2016 से पावर सप्लाई शुरू हो गई। एमओयू के मुताबिक तेलंगाना को हर महीने बिजली बिल का भुगतान करना था। लेकिन, तेलंगाना ने महीनों तक बिल नहीं चुकाया। इस तरह कर्ज 3600 करोड़ तक पहुंच गया। छत्तीसगढ़ ने कई दफे पत्र लिखकर बकाया चुकाने की बात कही। तेलंगाना नहीं माना तो पावर सप्लाई रोक दी गई।

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1500 से 1300 करोड़ पर आए, अब 800 करोड़ कम कराने की कोशिश

पावर सप्लाई कट होने के बाद तेलंगाना के अधिकारी हरकत में आए। दोबारा सप्लाई शुरू कराने कई दौर की बैठकें हुईं। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की दखल के बाद तेलंगाना 2100 करोड़ की राशि को 38-40 किस्तों में पटाने को तैयार हुआ। ये अभी भी चल रहा है।

शेष रकम के भुगतान की बात आई तो तेलंगाना ने 1500 करोड़ में से 1300 करोड़ देने की बात कही। चंद महीनों में अपनी ही जुबान से मुकरते हुए अब 500 करोड़ देने की बात कह रहा है। यानी पहले 200 करोड़ कम कराए। अब सीधे 800 करोड़ कम कराने की कोशिश। बता दें कि सरचार्ज के हिसाब से आज की तारीख में तेलंगाना का बकाया बढ़कर 1600 करोड़ के करीब पहुंच चुका है।


केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के संयुक्त सचिव शशांक मिश्रा की अध्यक्षता में दोनों राज्यों के पावर कंपनी के अफसरों की बैठक हुई थी। उन्होंने तेलंगाना को गैर विवादित राशि का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
- मनोज खरे, एमडी, छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी