
धान खरीदी की लिमिट कम (photo source- Patrika)
Paddy Procurement: धान खरीदी के लिए 24 घंटे टोकन की सुविधा देने के बाद 5 दिन के भीतर स्लॉट एक महीने के लिए फुल हो चुका है। अब किसानों की ओर से प्रदेशभर में धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने की मांग तेज हो चुकी है। किसान संघ व सहकारी समितियों के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले धान खरीदी की लिमिट में 35 से 40 प्रतिशत कम रखी गई है, जिसकी वजह से समितियों में रोजाना खरीदी क्षमता कम है। साथ ही वेटिंग बढ़ती जा रही है।
सहकारी समितियों में यदि खरीदी क्षमता बढ़ाई जाए तो वेटिंग कम होगी। मौजूदा हालात यह है कि किसानों को धान बेचने के लिए एक महीने का इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि खरीदी की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2026 तय की गई है। धान खरीदी की वेटिंग 20 जनवरी तक जा पहुंची है।
पत्रिका ने अपनी पड़ताल में पाया कि प्रदेशभर में कुल धान खरीदी के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें 74 प्रतिशत धान का उठाव उपार्जन केंद्रों से होना बाकी है। प्रदेश के 33 जिलों की सहकारी समितियों में कुल 47.33 लाख टन धान की खरीदी की गई है, जिसमें से 34.23 लाख टन धान का उठाव बाकी है। वर्तमान में सिर्फ 13 लाख टन के करीब धान का परिवहन हो पाया है। सहकारी समितियों के मुताबिक सही समय में उठाव नहीं होने की वजह से अब धान रखने की जगह नहीं बच रही है। इसकी वजह से भी खरीदी प्रभावित हो रही है।
सुकमा जिले के गादीरास धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने की मांग को लेकर किसान सडक़ों पर उतर गए। तय लिमिट से कम खरीदी होने से नाराज किसानों ने सुकमा से दंतेवाड़ा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दिया। इसकी वजह से सडक़ों के दोनों ओर लंबा जाम लग गया।
किसानों का कहना था कि खरीदी केंद्र में प्रतिदिन 600 क्विंटल धान की खरीदी हो रही है। इसके बढ़ानी चाहिए। बीते वर्ष 19 दिसंबर तक 40 हजार क्विंटल की खरीदी हो चुकी थी, जो कि वर्तमान में पांच हजार क्विंटल ही हुई है।
Paddy Procurement: सभी खरीदी केंद्रों से धान उठाव के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कलेक्टरों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर सहकारी केंद्रों में खरीदी की लिमिट बढ़ाई जा रही है। कलेक्टरों को मॉनिटरिंग के लिए कहा गया है। जहां आवश्यकता होगी, वहां लिमिट बढ़ाई जाएगी: जितेंद्र शुक्ला, प्रबंध संचालक, राज्य विपणन संघ, मर्यादित (मार्कफेड)
किसान बहुत ज्यादा परेशान हैं। टोकन 24 घंटे के लिए खोला गया है, लेकिन लिमिट नहीं बढ़ाई गई। इसकी वजह से किसानों का धान सही समय पर नहीं बिक पा रहा है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए: वीरेंद्र लोहान, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ
Published on:
20 Dec 2025 07:43 am
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