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एक मात्र मंदिर, जहां अर्धनारीश्वर के रूप में विराजित हैं वीर बजरंगबली

पृथ्वी देव को स्वप्न में दिखाई दी थी हनुमान जी की ऐसी मूर्ति: पुजारी

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एक मात्र मंदिर, जहां अर्धनारीश्वर के रूप में विराजित हैं वीर बजरंगबली

एक मात्र मंदिर, जहां अर्धनारीश्वर के रूप में विराजित हैं वीर बजरंगबली

बिलासपुर. देश में भगवान हनुमान केकई मंदिर हैं, लेकिन बिलासपुर जिले के रतनपुर में हुनमान का एक ऐसा मंदिर है, जहां वे पुरुष नहीं बल्कि एक स्त्री के रूप में विराजित हैं। उनकी पूजा देवी स्वरूप में की जाती है। स्त्रियों से सदा दूर रहने और बाल ब्रह्मचारी के रूप में पूजे जाने वाले हनुमान को रतनपुर के मंदिर में स्त्री रूप में पूजा जाता है। यहां अद्भुत और अकल्पनीय अर्धनारिश्वर हनुमान की पूजा करने से सुखए समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
स्त्री स्वरूप में होती है हनुमान जी की पूजा: रतनपुर के गिरजावन स्थित हनुमान मंदिर की प्रतिमा का श्रृंगार स्त्रियों जैसा किया जाता है। हनुमान के कानों में कंठी, गले में माला, माथे पर बिंदिया, हाथों में चूडिय़ां पहनाई जाती हैं। वे यहां स्त्री रूप में विराजमान होकर सुख समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां पूजा करने से मन में एक शांति का अनुभव होता है और मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

मंदिर के पुजारी तारकेश्वर पुरी ने बताया कि यहां हनुमान जी पाताल लोक में देवी के स्थान पर प्रकट हुए हैं। अहिरावण का संहार करते हुए बलि देने वाले कसाई को पैर में दबाए हुए और कंधे पर राम और लक्ष्मण विराजित हैं। राजा पृथ्वी देव को कोढ़ का रोग हो गया था। वे हनुमान जी के परम भक्त थे। उन्हें मूर्ति स्वप्न में दिखाई दी थी। स्वप्न के मुताबिक उस स्थान पर जाकर देखा कि माहामाया कुंड में यह मूर्ति थी। उस मूर्ति को उठाकर गिरजाबंद में लाकर स्थापना की। पीछे तालाब खुदवाया। वहां स्नान कर भगवान की पूजा की। इससे उनका रोग ठीक हो गया। तब से मान्यता है कि यहां आने से सभी प्रकार के दुख और पीड़ा खत्म हो जाती है।