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ये है स्पांसर्ड एनआरआई कोटे का कमाल: 113/720 पाने वाले को मिली एमबीबीएस की सीट

धनाड्य अपने बच्चों को प्रवेश दिलाकर बनाना चाहते हैं डॉक्टर कम स्कोर में एडमिशन मिलने के कारण प्रदेश व पड़ोसी राज्यों के धनाड्य इस कोटे के तहत अपने बच्चों को प्रवेश दिलाकर डॉक्टर बनाना चाहते हैं। इतने कम स्कोर में तो स्पेशल एसटी कैटेगरी के 2 फीसदी छात्रों को ही एमबीबीएस की सीटें मिल रही […]

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ये है स्पांसर्ड एनआरआई कोटे का कमाल: 113/720 पाने वाले को मिली एमबीबीएस की सीट

ये है स्पांसर्ड एनआरआई कोटे का कमाल: 113/720 पाने वाले को मिली एमबीबीएस की सीट

धनाड्य अपने बच्चों को प्रवेश दिलाकर बनाना चाहते हैं डॉक्टर

कम स्कोर में एडमिशन मिलने के कारण प्रदेश व पड़ोसी राज्यों के धनाड्य इस कोटे के तहत अपने बच्चों को प्रवेश दिलाकर डॉक्टर बनाना चाहते हैं। इतने कम स्कोर में तो स्पेशल एसटी कैटेगरी के 2 फीसदी छात्रों को ही एमबीबीएस की सीटें मिल रही है। प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए पहले राउंड की काउंसलिंग चल रही है। सोमवार से एडमिशन भी शुरू हो गया है। 23 अगस्त तक एडमिशन होगा।

आवंटित सीटों में चौंकाने वाले कट ऑफ मार्क्स

आवंटन सूची का बारीकी से अवलोकन करने से एनआरआई कोटे से आवंटित सीटों में चौंकाने वाले कट ऑफ मार्क्स सामने आया है। पहले राउंड में 81 में 42 एनआरआई सीटों का आवंटन किया गया है। इसमें महज 113 स्कोर वाले छात्र को सीट मिलना चौंकाने वाला है। चूंकि यह सत्र 2024-25 के लिए सबसे कम न्यूनतम कट ऑफ है। यानी 720 में 113 अंक लाने पर छात्र नीट क्वालिफाइड है। यानी वह काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पात्र है। छात्र अगर एनआरआई के बजाय अनरिजर्व, ओबीसी या एसटी-एससी कैटेगरी का होता तो सीट ही नहीं मिलती। प्रदेश के 4 निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 81 सीटें हैं। रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में जीरो ईयर होने से 22 सीटें कम हो गई हैं।

एक साल की फीस 35 हजार डॉलर साढ़े 4 साल का 1.37 करोड़ रुपए

एनआरआई कोटे की सालाना फीस 35 हजार यूएस डॉलर है। इस हिसाब से साढ़े 4 साल के एमबीबीएस कोर्स की कुल फीस एक लाख 57 हजार 500 डॉलर यानी 1 करोड़ 37 लाख 60 हजार 775 रुपए है। सोमवार को एक यूएस डॉलर की कीमत 87.37 रुपए है। जाहिर इतनी भारी-भरकम फीस किसी मध्यम वर्गीय परिवार के छात्र के लिए संभव नहीं है। यही कारण है कि इस कोटे के तहत ज्यादातर बिजनेसमैन, बड़े अधिकारी व डॉक्टरों के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले साल तक डॉलर की कीमत कम होने के कारण कुल फीस 1.32 करोड़ रुपए फीस थी।

पत्रिका ने स्टिंग कर दलालों की सौदेबाजी को किया था उजागर

पत्रिका ने दलालों का स्टिंग कर एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस सीटों में प्रवेश के लिए हो रही सौदेबाजी को उजागर किया था। 8 जुलाई के अंक में 5 लाख दें, सीट पक्की, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने का दावा शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। यही नहीं 9 जुलाई को निजी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट व मैनेजमेंट कोटे की फीस समान, फिर भी एजेंट कर रहे एक करोड़ में सौदे शीर्षक से समाचारों की श्रृंखला प्रकाशित की थी। दलालों ने एक करोड़, एक करोड़ 10 लाख व सवा करोड़ में एनआरआई की सीट पक्की करने का झांसा दे रहे थे। इसके लिए वे 5 लाख एडवांस जमा करने को कह रहे थे। उनका यह भी दावा था कि बिना बुकिंग सीट कंफर्म नहीं हो सकती। हालांकि चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने दलालों के दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। उनका कहना है कि मेरिट सूची से ही प्रवेश दिया जाता है।

इस स्कोर वालों को मिली सीटें

113, 125, 130, 130, 136, 150, 156, 158, 159, 160, 164, 164, 167, 175, 179, 183, 192, 199।

प्रवेश नियमानुसार व मेरिट से

चूंकि स्पांसर्ड एनआरआई कोटे में वे छात्र ही एडमिशन ले सकते हैं इसलिए इसका कट ऑफ काफी नीचे जा रहा है। प्रवेश नियमानुसार व मेरिट से दिया जा रहा है।
डॉ. यूएस पैकरा, डीएमई छत्तीसगढ़

दलालों से सावधान रहें छात्र व पैरेंट्स

एनआरआई कोटे में प्रवेश चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली आवंटन सूची के छात्रों को दिया जा रहा है। छात्र व पैरेंट्स दलालों से सावधान रहें। किसी के झांसे में न आएं।
डॉ. देवेंद्र नायक, चैयरमेन श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज