
छत्तीसगढ़ विधानसभा (Photo Patrika)
CG Vidhansabha: विधानसभा में मानूसन सत्र के अंतिम दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा तीन विधेयक पेश किए गए। इसमें सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसी तरह पांच संशोधन विधेयक भी लगाए। इसे भी सदन में सर्वम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक के तहत प्राधिकरण द्वारा राजधानी क्षेत्र विकास एवं निवेश योजना की तैयारी, उसका पुनरीक्षण एवं क्रियान्वयन की प्राथमिकता निर्धारण किया जाएगा। प्राधिकरण द्वारा किसी क्षेत्र या क्षेत्र विशेष के लिए बनाई गई कार्ययोजनाओं के माध्यम से परियोजनाओं और योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा भूमि विकास बैंक का निर्माण एवं प्रबंध करना, सार्वजनिक उपयोग, टाउनशिप विकास एवं अधोसंरचना के लिए आवश्यकता अनुसार भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। स्थानीय निकायों-एजेंसियों को सुविधाओं-अधोसंरचना के विकास के लिए भूमि का आवंटन शर्तों के तहत किया जाएगा। इसके अलावा भू-उपयोग योजना के तहत आवासीय, औद्योगिक, कृषि तथा पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों के संरक्षण के लिए क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे। यह प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण, मुंबई महानगर क्षेत्र प्राधिकरण क्षेत्र प्राधिकरण की तरह होगा।
छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड विधेयक-2025
यह विधेयक भारत के संविधान के अनुच्छेद 207 के अनुसरण में प्रस्तुत किया गया है। ताकि राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड नामक एक फंड के गठन का प्रावधान किया जा सके। यह निधि राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि- कमी का समुचित प्रबंधन करने, आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और राज्य की विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निवेश के लाभ का उपयोग करने में सहायक होगा।
छत्तीसगढ़ पेंशन निधि विधेयक 2025 विधेयक: यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 207 के अनुसरण में एक निधि के गठन के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसे छत्तीसगढ़ पेंशन निधि कहा जाएगा, ताकि राज्य शासन द्वारा अपने पेंशनरों के प्रति भविष्य के अंतर्वितीय दायित्वों को पूरा किया जा सके। यह निधि, भविष्य में पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति दायित्वों के लिए उपयोग की जाएगी।
विधानसभा में शुक्रवार को जनविश्वास विधेयक पारित हुआ। यह विधेयक राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कई ऐसे कानूनों को संशोधित करना है, जो नागरिकों और कारोबारियों द्वारा की गई छोटी-मोटी त्रुटियों को भी आपराधिक कृत्य की श्रेणी मेें शामिल थे। इस विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह आम नागरिकों और कारोबारियों द्वारा किए गए छोटे-मोटे तकनीकी उल्लंघनों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर जुर्माने (शास्ति) के दायरे में लाता है। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी और अदालतों पर बोझ कम होगा, साथ ही नागरिकों को छोटी गलतियों के लिए आपराधिक मामलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
Updated on:
19 Jul 2025 11:05 am
Published on:
19 Jul 2025 11:04 am
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