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Girl cut by train: मालगाड़ी से कटकर युवती की मौत, नहीं हो पाई शिनाख्त, अब ये बात आ रही है सामने आमतौर पर मालगाड़ी सुबह के समय स्टेशन से कभी नहीं निकाली जाती है। इस
मालगाड़ी को प्लेटफार्म नंबर 2 से क्यों निकाला गया, रेल अफसरों के तरफ से कोई सूचना सामने नहीं आई। यह घटना स्टेशन में सुबह 7.40 बजे के आसपास उस दौरान हुई, जब आयरन ओर से भरी मालगाड़ी के आधे से ज्यादा बोगियां प्लेटफार्म से आगे निकल गई थी, तभी बीच की दो बोगी के पहिए पटरी से नीचे उतर गए।
यह मालगाड़ी आयरन ओर से लोड आमगांव दुर्ग तरफ से विशाखापट्टनम जा रही थी। राजधानी के मेन स्टेशन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाने से कई सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि स्टेशन में पिछले दो सालों से पटरी मरम्मत और ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम चलता रहा है। फिर पटरी से पहिए कैसे उतरें। बताया कि गर्मी में सबसे ज्यादा ट्रैक बदलने के दौरान फिस प्लेट खिसकने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित होती है।
पहली बार सुबह मालगाड़ी क्यों, आधा दर्जन यात्री ट्रेनों के पहिए थमे: जिस वक्त रेलवे प्रशासन अमृत भारत स्टेशन का लोकार्पण कराने की तैयारियों में जुटा हुआ था, ऐसे समय में पहली बार मुख्य यात्री स्टेशन से मालगाड़ी क्यों निकाली जा रही थी। जबकि इसके लिए सरोना से उरकुरा के बीच बायपास रेल लाइन है।
स्टेशन में सुबह के समय हुई मालगाड़ी दुर्घटना के कारण आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों के यात्री परेशान हुए। क्योंकि उसी समय बिलासपुर-नागपुर वंदेभारत ट्रेन, हावड़ा-पुणे, गोंडवाना, जनशताब्दी, दुर्ग-हटिया एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों की आवाजाही होती है। ऐसी सभी ट्रेनों को उरकुरा, भाटापारा, आउटर में और दुर्ग तरफ रोककर किसी तरह चलाया गया।
कुलियों ने भी झोंकी ताकत मालगाड़ी को पटरी चढ़ाने के लिए बोगी से आयरन ओर को खाली करना पड़ा। रेलवे के इंजीनियर, कर्मचारी के साथ ही स्टेशन के कुली भी जी-जान से सहयोग करने में जुटे नजर आए। इस दौरान गुढ़ियारी तरफ की रेल पटरी से ट्रेनों को निकालने में स्टेशन प्रबंधन पूरा जोर लगाए हुए था। बिलासपुर और दुर्ग तरफ से आने वाली ट्रेनों को एक साइड से बारी-बारी से निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्योंकि प्लेटफार्म -1 और प्लेटफार्म-2 से पूरी तरह से ट्रेनें आना बंद था।