
घर में मंदिर बनवाते समय हमेशा रखें दिशाओं का ध्यान, वरना हो सकता है भारी नुकसान
रायपुर. आपने हमेशा देखा होगा कि लोगों के घरों में अक्सर एक छोटा सा मंदिर होता ही है। ऐसे बहुत कम घर होंगे जहां मंदिर न हों। पं देवनारायण शर्मा के अनुसार वास्तु के अनुसार घर में मंदिरों का सही दिशा में होना जरूरी माना जाता है। माना जाता है कि घर में वास्तु के अनुसार मंदिर का न होना घर में कलेश पैदा करता है और घर में अशांति बनी रहती है। पं देवनारायण शर्मा ने बताया किस दिशा में मंदिर होने से किस दिशा में देवी देवताओं की मूर्तियां रखना फलदायी होता है।
मंदिर निर्माण की दिशा : अगर हम घर में या फिर अपने ऑफिस का काम की जगह पर मंदिर की स्थापना करते हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा में मंदिर का निर्माण करें। इस दिशा को मंदिर की स्थापना करने के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है। घर की इन्हीं दीवारों पर मूर्तियों की स्थापना या भगवान के तस्वीर लगाना चाहिए।
भगवान की तस्वीरों की दिशा : अगर आप घर में भगवान विष्णु, श्री कृष्ण या फिर सूर्य देव की तस्वीर लगाना चाहते हैं तो इसके लिए हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की तस्वीरों का मुख हमेशा पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह दिशा देवी-देवताओं के लिए शुभ मानी जाती है। घर में या ऑफिस में भगवान हनुमान की तस्वीर हो तो उसे हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा अर्थात नैचित्य में लगाना चाहिए।
घर में मंदिर बनवाते समय कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे कभी भी घर का मंदिर बाथरूम के आसपास नहीं होना चाहिए। इसके अलावा स्टोर रूम में या फिर घर में सीढिय़ों के नीचे कभी भी मंदिर नहीं बनवाना चाहिए। वास्तु के अनुसार इसे अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से पूजा का फल नहीं मिलता। साथ ही वास्तु में रसोईघर को भी पूजा स्थान के लिए अशुभ माना गया है, इसलिए घर के किचन में कभी भी मंदिर नहीं बनवाना चाहिए।
Updated on:
08 Nov 2019 02:36 pm
Published on:
12 Sept 2019 11:09 am
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