
Elephant family movement in six villages with two children
रायपुर. छत्तीसगढ़ में हाथियों के आतंक से थमने का नाम नहीं ले रहा। जंगली हाथियों का झुंड लगातार जन हानि के साथ-साथ फसलों की भी बर्बाद कर रहे हैं। राजधानी से 70 किमी दूर महासमुंद जिले के लहंगर गांव में इन दिनों जंगली हाथियों का दल सक्रिय हो गया है।
बीती रात लंहगर से सटे गांव खड़सा में 18 हाथियों का दल प्रवेश कर गया। हाथियों के झुंड ने खेतों में घुस कर फसलों को बर्बाद कर दिया। वहीं गांव में हाथियों के आने की खबर से ग्रामीण इतने डरे हुए हैं कि दिन के समय भी घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
हाथियों ने फसलों को भारी क्षति पहुंचाया है। हाथियों के आतंक से किसान काफी निराश हैं। हाथियों ने मन्नू राम यादव, शम्भू यादव और ईश्वर पटेल की खेतों में लगे फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
जंगली हाथियों के भय के कारण तेंदूपत्ता के मजदूर जंगल जाने से डर रहे हैं। अभी हाथी का दल राऊत, बधानी, झाका, सरार, खडसा में हैं। इससे पहले भी हाथियों का झुंड राजधानी से सटे आरंग, मंदिर हसौद तक आ चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने गजराज अभियान के तहत कर्नाटक से लाए गए कुमकी हाथी भी एक साल में हाथियों के आतंक को कम नहीं कर पाए। बता दें कि प्रशिक्षित कुमकी हाथियों को खिलाने-पिलाने और उनके रखरखाव में 1 करोड़ रुपए के अधिक खर्च किया जा चुका है।
(स्रोत दिनेश यदु)
Published on:
06 Mar 2019 02:42 pm
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