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विश्व पर्यावरण दिवस : जिले में रोपे गए फल व छायादार पौधे

विश्व भर में वैश्विक महामारी का संकट चल रहा है। इस बीच पर्यावरण बचाने के प्रयास को लेकर पौधरोपण किया गया। वहीं पौधरोपण के दौरान उपस्थित सभी लोगों ने पर्यावरण बचाने का संकल्प भी लिया।

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विश्व पर्यावरण दिवस : जिले में रोपे गए फल व छायादार पौधे

विश्व पर्यावरण दिवस : जिले में रोपे गए फल व छायादार पौधे

चारामा. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को वन विभाग परिसर में पौधरोपण किया गया। इस दौरान गुलमोहर, बादाम, अमरुद, करंज, नीम आदि विभिन्न प्रजातियों के पौधों को रोपित करते हुए पौधरोपण के जरिये सभी को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया। बताते चलें कि इन दिनों पूरे विश्व भर में वैश्विक महामारी का संकट चल रहा है। इस बीच पर्यावरण बचाने के प्रयास को लेकर पौधरोपण किया गया। वहीं पौधरोपण के दौरान उपस्थित सभी लोगों ने पर्यावरण बचाने का संकल्प भी लिया। इस दौरान प्रमुख रुप से सीएमओ बीएल नुरुटी, प्यारे लाल देवांगन अध्यक्ष नगर पंचायत , पूर्व पार्षद धर्मेन्द्र सोनकर, वन परिक्षेत्र अधिकारी एसआर सिंग, तरुण देवदास आदि वन विभाग के कर्मचारी शामिल हुए।
डोरकट्टा में भी हुआ कार्यक्रम आयाजित
इसी तरह पखांजूर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पश्चिम वन परिक्षेत्र कापसी के अंतर्गत अतिसंवेदनशील क्षेत्र डोरकट्टा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमे डोरकट्टा के विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण किया गया। इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि जनपद पंचायत अध्यक्ष देवली नुरुटी विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली, अनुविभागीय अधिकारी निशा नेताम मंडावी, तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा उपस्थित रहे। पखांजुर क्षेत्र में वन विभाग, सरकारी, निजी संस्थानों के साथ अन्य लोगों ने भी जगह-जगह पौधरोपण किया। विश्व पर्यावरण दिवस में डोरकट्टा में वन विभाग द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ वृक्ष का पूजा अर्चना के साथ शुरू किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुविभागीय अधिकारी वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करते हुए कहा है कि आज आधुनिकता की दौड़ में लोग पर्यावरण को उजाड़ रहे है जिससे अब प्रकृति धीरे-धीरे विकराल रूप लेने लगी हैं, अब वक्त आ चुका है जब हमें अपने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने कहा गया।