
World Hypertension Day 2024: तनाव और बदलती जीवनशैली से 22 से 25 साल के युवाओं को भी हाइपरटेंशन घेर रहा है। हालांकि ऐसे केस गिने-चुने हैं, लेकिन ये चौंकाने वाले हैं। पहले यह बीमारी उम्रदराज या 50 वर्ष से ऊपर वालों को होती थी, लेकिन अब 35 से 40 वर्ष के उम्र वाले काफी लोग हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित हैं। अंबेडकर अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में लगातार युवा इस बीमारी का इलाज करने के लिए पहुंच रहे हैं। यही नहीं डॉक्टर उन्हें बीपी नियंत्रित करने के लिए नियमित दवा लेने व लाइफ स्टाइल बदलने को कह रहे हैं।
17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस है। इस मौके पर पत्रिका ने हाइपरटेंशन के बदलते ट्रेंड पर डॉक्टरों से बात की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन व कार्डियोलॉजी विभाग में ऐसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हाइपरटेंशन के कारण कुछ युवा हार्ट व ब्रेन की बीमारी से भी पीड़ित हो रहे हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ. एसके चंद्रवंशी व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गाेयल के अनुसार हाइपरटेंशन का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफ स्टाइल व खानपान है।
हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या के मामले रायपुर प्रदेश में पांचवें नंबर पर है। वहीं ग्रामीण जिले बेमेतरा, बालोद, नारायणपुर डायबिटीज और बीपी के मामले में आगे हैं। यह खुलासा पिछले साल स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ था। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार हाई बीपी अब गांवों की बीमारी नहीं रही। जांच में रायपुर में 33.54 फीसदी लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था। रायपुर में 23372 लोगों की जांच की गई, जिसमें 7841 लोगों का बीपी बढ़ा मिला। इसमें कई लोगों को बीपी बढ़ने का पता ही नहीं था, क्योंकि इन्होंने कभी जांच नहीं कराई।
युवा कॅरियर ओरिएंटेड हो गए हैं इसलिए वे तनावग्रस्त हो रहे हैं। कुछ लोग स्मोकिंग व शराब सेवन को फैशन समझने लगे हैं। यही नहीं फिजिकल एक्टीविटीज कम होना व देर रात सोना व सुबह देर से जागने से भी हाइपरटेंशन के केस बढ़ रहे हैं। फास्ट फूड का ज्यादा सेवन भी एक बड़ा कारण है। जीवनशैली में बदलाव कर व जरूरी एक्सरसाइज कर इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
बिना डॉक्टरी सलाह बीपी की दवा खाने से स्किन कैंसर हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार ब्लड प्रेशर की दवाएं, जिनमें हाइड्रो क्लोरोथियाजाइड होता है, उन्हें लेने से स्किन कैंसर का जोखिम बढ़ता है। ये इसलिए होता है क्योंकि हाइड्रो क्लोरोथियाजाइड स्किन को सूर्य की किरणों के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है। इसलिए आम लोगों की तुलना में दवा लेने वालों काे रिस्क बढ़ जाता है।
Updated on:
17 May 2024 09:41 am
Published on:
17 May 2024 09:12 am
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