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साइबर ठगी की ऑनलाइन शिकायत करने में 90% युवा पीछे, स्मार्टफोन है पर स्मार्टवर्क नहीं…

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ में 15 से 29 आयु वर्ग के केवल 6.7 फीसदी युवाओं को ही नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबर क्राइम-ठगी की ऑनलाइन शिकायत करना आता हैं।

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साइबर ठगी की ऑनलाइन शिकायत करने में 90% युवा (photo-patrika)

साइबर ठगी की ऑनलाइन शिकायत करने में 90% युवा (photo-patrika)

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के करीब 90 फीसदी युवाओं के पास स्मार्टफोन (मोबाइल) हैं। सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग और मनोरंजन संबंधी कई जानकारियां रखते हैं, लेकिन साइबर क्राइम और ऑनलाइन ठगी जैसे मामलों की ऑनलाइन शिकायत करना उन्हें नहीं आता है। छत्तीसगढ़ में 15 से 29 आयु वर्ग के केवल 6.7 फीसदी युवाओं को ही नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबर क्राइम-ठगी की ऑनलाइन शिकायत करना आता हैं।

बाकी साइबर क्राइम के शिकार होने पर स्थानीय साइबर सेल और थानों के चक्कर लगाते हैं। उल्लेखनीय है कि साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया है। इसमें घर बैठे साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। इससे ठगी की राशि को जल्द होल्ड करने में मदद मिलती है।

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: राष्ट्रीय औसत 26 फीसदी

प्रदेश के साथ पूरे देश में भी इसी उम्र के युवा ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराने में पीछे हैं। करीब 26 फीसदी युवा ही साइबर ठगी के मामलों में ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराना जानते हैं। सीएमएसटी सर्वे के अनुसार, भारत में 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के 26.3 फीसदी, 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के 26.9 फीसदी और 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 17.7 फीसदी लोग ही साइबर क्राइम-ऑनलाइन ठगी की नेशनल पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराना जानते हैं।

छत्तीसगढ में 15 से 26 वर्ष आयु वर्ग के 6.4 फीसदी, 15 से 29 वर्ष आयुवर्ग के 6.7 फीसदी और 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के केवल 4.7 फीसदी युवा ही साइबर क्राइम-ठगी के शिकार होने पर नेशनल पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना जानते हैं।

ठगी के पैसे जल्द होल्ड कराने में मिलती है मदद

प्रदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में पिछले दो साल में ही साइबर ठगी से जुड़े 67 हजार 389 मामले सामने आए हैं। इसमें शेयर ट्रेडिंग, डिजिटल अरेस्ट, सोशल मीडिया के जरिए ठगी के अलावा अन्य साइबर क्राइम भी शामिल हैं।

ऐसे मामलों की जितनी जल्दी शिकायत पुलिस तक पहुंचती है, उतना कम नुकसान होता है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि कोई भी पीड़ित किसी भी स्थान से घर बैठे रिपोर्ट दर्ज करा सके। यह अपने मोबाइल से भी किया जा सकता है।