3 बच्चों के धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया है, हैरानी की बात तो यह है कि शिशु गृह के संचालक ने न सिर्फ उनका नाम बदला, बल्कि आधार कार्ड पर भी उनके नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिए.
रायसेन. शिशु गृह में पिछले तीन सालों से रह रहे 3 बच्चों के धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया है, हैरानी की बात तो यह है कि शिशु गृह के संचालक ने न सिर्फ उनका नाम बदला, बल्कि आधार कार्ड पर भी उनके नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिए, जैसे ही इस बात की भनक राष्ट्रीय बाल आयोग को लगी तो हडक़ंप मच गया। फिलहाल सभी दस्तावेजों को जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार करीब 3 साल पहले तीन बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे, उन्हें राजधानी भोपाल में भटकते देख बाल कल्याण समिति ने रायसेन जिले की बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था, इनके बारे में पता चला था कि कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में ये बच्चे अपने माता पिता से मंडीदीप से बिछड़ गए थे, ये बच्चे पिछले तीन साल से रायसेन जिले के गौहरगंज में संचालित शिशु गृह में रह रहे हैं, ये शिशु गृह सरकारी अनुदान पर चलता है, जिसमें केयर टेकर के रूप में संचालक हसीन परवेज है, इन्हीं ने इन तीनों बच्चों के नाम मुस्लिम रखकर उनका आधार कार्ड में भी नाम शाहरूख, सुहाना और रूखसाना रख दिया, इस बात की जानकारी लगने पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें भी सच्चाई नजर आ गई, उन्होंने केयर टेकर को फटकार लगाते हुए सारे दस्तावेज जब्त करा दिए और जांच शुरू करवा दी है।
बताया जा रहा है कि तीनों बच्चों के पिता हिंदू हैं और उनकी मां भी हिंदू हैं, इस बात की जानकारी होने के बाद भी बच्चों का धर्मांतरण करने के कारण हडक़ंप मच गया है, बच्चों के पिता मंडीदीप की किसी फैक्ट्री में काम करते थे, लॉकडाउन के दौरान 2020 में उनकी पत्नी किसी विवाद के चलते उन्हें छोडक़र भोपाल चली गई थी, भोपाल में उनकी पत्नी भीख मांगकर काम चला रही थी, इस दौरान बच्चे भी माता पिता से बिछडक़र भटकते हुए नजर आए थे, जिन्हें शिशु गृह में छोड़ा गया था। इन बच्चों की उम्र 4, 6 और 8 साल है। बच्चे ओबीसी हैं, उन्होंने बताया कि हम दो बहनें और एक भाई हैं, हमारे पहले दूसरे नाम थे, लेकिन यहां के टीचर ने हमारे नाम बदल दिए। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों की एसआईआर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। जांच में साफ पता चला कि बच्चों के माता-पिता हिंदू हैं। इसके बावजूद, शिशु गृह संचालक हसीन परवेज ने उनका नाम परिवर्तित न करवाकर स्कूल सहित आधार कार्ड पर भी मुस्लिम नाम लिखवा दिए।