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सरहद पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए इन्हें मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार, मजबूरी ने बनाया मजदूर

नहीं मिल पा रहा योजनाओं का लाभ

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 ex soldier Sadai Lal

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रायसेन @केदार सिंह रघुवंशी की रिपोर्ट...

रायसेन/ सिलवानी। 1971 में बंगलादेश की लड़ाई Battle of Bangladesh में भारतीय सेना Indian Army के साथ बहादुरी का परिचय देकर अपना फर्ज निभाने वाले और इस बहादुरी पर राष्ट्रपति पुरस्कार President's Award प्राप्त करने वाले नगर के वार्ड तीन निवासी पूर्व सैनिक सदई लाल Sadai Lal कुम्हार आज झोपड़ी में रहकर तमाम अभावों के बीच जीवन यापन करने को मजबूर हैं। इसकी वजह ये है कि उन्हें शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

पन्नी लगाकर गुजारा करने को मजबूर
1982 में डिवीजनल कमांडेंट होमगार्ड भोपाल सेवानिवृत्त सदईलाल ने सिलवानी स्टेट बैंक में भी काम किया और उसके बाद वह मेहनत मजदूरी करने लगे। आज स्थिति ये है कि सदईलाल को किसी भी प्रकार की शासन द्वारा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण बीमारी और गरीबी से जूझ रहे सदईलाल का गरीबी रेखा का राशन कार्ड तक नहीं बन सका है। वहीं प्रधानमंत्री योजना के तहत बनने वाली कुटीर का भी लाभ उनको नहीं मिल पाया, जिससे वह कच्ची झोपड़ी पर पन्नी लगाकर गुजारा करने को मजबूर हैं।

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कर चुके हैं सभी जगह आवेदन
जब सदई ने बताया कि विगत कई महीनों से सिलवानी नगर पंचायत, तहसील, कलेक्ट्रेट सभी जगह घूम कर आवेदन कर थक हार चुके हैं। कहीं से भी उनको किसी प्रकार की सहायता का रास्ता दिखाएं नहीं दे रहा है।

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राशि मिलते ही लाभ मिलेगा
वह चाहते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सके, जिससे कि वह अपने जीवित रहते एक मकान अपने परिवार के लिए छोड़ जाएं। नगर पंचायत अध्यक्ष मुकेश राय का कहना है कि नगर पंचायत के द्वारा उनको एवं उनकी पत्नी को नियम अनुसार पेंशन दी जा रही है। इस बार की सूची में आवास योजना के तहत उनका नाम भी आ गया है। राशि मिलते ही उनको इसका लाभ मिलेगा।