
भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से...
भगवान उपाध्याय. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के चुनाव लडऩे के कारण 1990 में चर्चा में आई भोजपुर सीट पर पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार माहौल कुछ अलग है। 2018 से लगातार तीन चुनाव जीत चुके भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र पटवा के लिए राह आसान नहीं है। इस सीट से 33 साल बाद चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के राजकुमार पटेल मतदाताओं के लिए नया चेहरा नहीं हैं। 2003 के चुनाव में कांग्रेस के ही नए चेहरे राजेश पटेल ने भाजपा के सुरेंद्र पटवा को 3500 वोटों से हराया था। अब राजकुमार कांग्रेस के उन परंपरागत वोटों को सहेजने में जुटे हैं। दोनों उम्मीदवार मंत्री रह चुके हैं।
भोपाल से जबलपुर के रास्ते में मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, गोहरगंज जैसे बड़े कस्बों और सैकड़ों गांवों तक फैली भोजपुर सीट पर लगभग 2.55 लाख मतदाता हैं। औबेदुल्लागंज में अस्पताल के बाहर मरीजों की कतार में खड़ीं गीता पटेल कहती हैं, आयुष्मान कार्ड बना है, लेकिन इलाज नहीं मिल रहा। बीलखेड़ी के विजय पटेल बताते हैं कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। दिवडिय़ा के अंकित विश्वकर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं पर नौकरी नहीं मिलने से निराश हैं।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी
सुरेंद्र पटवा - शिवराज सरकार ने लाड़ली बहना योजना लागू की। अब 3 हजार रुपए तक दिए जाएंगे।
क्षेत्र में सडक़ों का विस्तार हुआ। जबलपुर और सागर मार्ग की हालत सुधरी
युवाओं को रोजगार
देने के लिए किया नए औद्योगिक क्षेत्र का चयन।
राजकुमार पटेल - महाकाल लोक में भ्रष्टाचार, हर काम में कमीशन।
ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की मूर्ति उद्घाटन के लिए नहीं खोले बांधों के गेट, कई जिलों में आई तबाही।
गांवों में सडक़ों का निर्माण नहीं। बेरोजगारी और पलायन।
मतदाता - 2.55 लाख
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से बात करो तो समस्याएं गिनाने लगते हैं।
ये भी पढ़ें : MP Election 2023: योजनाओं से लाभ के बीच घूम रहा चुनाव, पलायन और डूब प्रभावितों के मुद्दे गायब...
ये भी पढ़ें : mp election 2023 चेहरे और जाति के भंवर में सांसद-विधायक का चुनाव
Updated on:
09 Nov 2023 12:30 pm
Published on:
09 Nov 2023 12:26 pm
बड़ी खबरें
View Allरायसेन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
