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10 डिग्री तापमान, खेत में भरा था पानी, 8 घंटे की नवजात को पानी में लावारिस छोड़ भागे परिजन

रायसेन जिले के इस मामले ने हर किसी को सिहरन महसूस करा दी है। 10 डिग्री से भी कम तापमान के बीच कड़ाके की ठंड में एक नवजात गेहूं के खेत में भरे पानी पड़ी मिली। ठंड की आगोश में उसका शरीर अकड़ चुका था, सांसों की रफ्तार भी धीरे-धीरे उसका साथ छोड़ रही थी। तभीअचानक एक किसान की नजरें उस पर पड़ गईं और एक कॉल के बाद सिर्फ 9 मिनट में उसे दोबारा जिंदगी मिल गई।

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रायसेन। ठंड के इन दिनों में रायसेन जिले में सिहरन बढ़ाने वाला मार्मिक मामला सामने आया है। मामला तब सामने आया जब भोर में एक किसान अपने गेहूं के खेत में पहुंचा तो उसे वहां एक नवजात पानी में पड़ी मिली। कड़कड़ाती ठंड में बच्ची का शरीर अकड़ चुका था। उसकी सांसें भी मद्धम हो चली थीं। लेकिन किसान ने बिना देर किए किसान ने 100 डायल को कॉल कर मामले की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही डायल 100 डायल मौके पर पहुंची और 15 किलोमीटर का सफर 9 मिनट में पूरा करते हुए बच्ची को जिला अस्पातल पहुंचा दिया। सुरक्षित हाथों में पहुंचते ही उसका इलाज शुरू कर दिया गया। जिससे उसकी जान बचा ली गई।

8 से 18 घंटे पहले हुआ है नवजात का जन्म
जिला अस्पताल में पहुंची मासूम नवजात की प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि नवजात का जन्म आठ से 18 घंटे पहले हुआ है। निहालपुर गांव के इस मामले ने हर किसी को सकते में ला दिया है।

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पढ़ें पूरा मामला
रबी सीजन होने के कारण इन दिनों खेत में सिंचाई के लिए पानी छोडऩे का काम जारी है। गांव के सरपंच यादव के खेत पर भी सिंचाई की जा रही है। किसान ने बताया कि नवजात को जहां फेंका गया था वह हिस्सा काफी गीला था। बच्ची का शरीर ठंडा पड़ चुका था। उन्होंने बच्ची को उठाकर अपने गमछे में लपेट लिया। बच्ची ठंड के कारण अकड़ रही थी। नर्स ने नली के माध्यम से उसे सांसें दीं। और बच्ची की जान बचा ली गई।

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बच्ची किसकी है इसकी जांच की जा रही है
मामले में स्थानीय पुलिस का कहना है कि सरपंच ने सूचना दी थी। बच्ची को फेंकने वाले की तलाश की जा रही है। उधर जिला अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि नवजात बच्ची को डायल-100 की मदद से जिला अस्पताल लाया गया था। जन्म के कुछ देर बाद ही बच्ची को गीली जगह पर फेंक दिया गया था। इस कारण उसे हाइपोथर्मिया हुआ है। उसकी सांसें तो चल रही थीं, लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी। अस्पताल में पहुंचते ही उसका इलाज शुरू किया गया। सबसे पहले उसे भांप देना शुरू किया। नर्स ने नली के माध्यम से उसे सांसें दीं। ऐसा कर बच्ची की जान बचाई गई। अब उसकी हालत में सुधार है। उसे जिला अस्पताल के एसएनसीयू में रखा गया है।