
जहर ने निगलीं जिंदगियां, हर दिन औसतन दो मौतें
रायसेन@शिवलाल यादव की रिपोर्ट...
जहरीला दवा के सेवन से जिले में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।हादसों में मौतों के बाद दूसरा बड़ा कारण आत्महत्या सामने आया है।लोग जरा जरा सी बातोंं पर अपनी जान देने पर उतारू हो रहे हैं।या यूं कहें कि कमजोर युवा पीढ़ी दिमाग पर जरा सा भी तनाव होने पर अपनी जान की दुश्मन बन जाती है। अगर हम ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो जिले मेें बीते 6 महीनों 28 दिनों के अंदर जहां 282 लोग जहरीली दवा, कीटनाशक पीकर गंभीर रूप से अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। वहीं 74 लोगों द्वारा जहरीली दवा, कीटनाशक दवा पीकर अपनी जान गवां चुके हैं।
कीटनाशक दवा के ज्यादा मामले...
जहरीली दवा के सेवन के ज्यादातर मामलों में यह सामने आया है कि पीडि़तों ने फसलों में कीड़े-इल्लियों को मारने के लिए सींचने वाली दवा का सेवन किया। अक्सर यह देखा जाता है कि ये दवाएं बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। लोग अपने घरों में भी इन जहरीली दवाओं को रखने में कई दफे लापरवाही भी बरतते हैं। जिससे जाने अनजाने में धोखे से भी रात के समय दवाई समझकर लोग जहरीली दवा का सेवन कर लेते हैं।
खुद की जान लेना भी अपराध
यदि कोई व्यक्ति अकारण ही आत्महत्या करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 309 के तहत संबंधित क्षेत्र के थानों में अपराध दर्ज होता है। इस अपराध में दोषी को कम से कम एक साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
जहरीली दवा की बिक्री पर लगना चाहिए प्रतिबंध
तेजी से बढ़ती आत्महत्याओं की घटना के बाद भी बाजार में खुलेआम जहरीली, कीटनाशक दवाओं की बिक्री पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। बगैर जांच परख के दुकानदार जहरीली दवा, स्प्रे की बिक्री करते हैं। बिना अनुमति पत्र या पर्ची के कीटनाशक दवा धड़ल्ले से बेची जाती है। दुकानदारों के लिए इन दवाओं की बिक्री के लिए कोई प्रावधान नहीं बनाया गया है। इन खामियों के चलते जिले में जहर से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
Published on:
30 Jul 2018 03:05 pm
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