
Bareilly. From Rajiv Gandhi bus stand to other cities including Bhopal-Jabalpur, passenger buses travel more than 100 passengers daily. There are many passenger buses in these passenger buses, which are concrete and not safe for passengers. But the special thing is that there is no one here to investigate these buses. Without glass and window windows, these buses are galloping on the streets.
बरेली. राजीव गांधी बस स्टैंड से प्रतिदिन भोपाल-जबलपुर सहित अन्य शहरों को लगभग 100 से ऊपर यात्री बसें निकलती हैं। इन यात्री बसों में कई ऐसी यात्री बसें भी रहती हैं, जो कंडम हैं और यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। मगर खास बात ये है कि इन बसों की जांच करने वाला यहां पर कोई नहीं है। बगैर कांच और बगैर खिड़की के यह बसें सड़कों पर सरपट दौड़ रही हैं। हाल ही में एक यात्री बस एक चाय की झोपड़ी में घुस गई थी, जिसमें ३ लोगों की मृत्यु हो गई थी।
मगर फिर भी यात्री बसों में आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी बसों की जांच करने की ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग-12 से प्रतिदिन सैंकड़ों बसें यात्रियों को लाती ले जाती हैं, परंतु आज भी इन बसों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। कई बसें तो बगैर कांच खिड़की के सड़कों पर दौड़ रही हैं। दूसरी और बसों के अंदर यात्रियों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। बसों के अंदर महिला यात्रियों को बैठने के लिए सीट नहीं दी जाती।
वहीं विकलांग के लिए आरक्षित सीट भी बसों में उपलब्ध नहीं है। अकसर देखा जाता है कि यात्री बसों के अंदर जहां ५० से ५२ यात्री बैठना चाहिए वहीं उन बसों में ठूंस-ठूंस कर यात्रियों को बैठाया जाता है। दूसरी ओर बसों के ऊपर और दरवाजों पर भी यात्री लटके हुए सफर करते हैं। इस स्थिति में कई बार दुर्घटना भी घट चुकी हैं, फिर भी यात्री बसों के संचालक अपनी मनमर्जी बसों पर चला रहे हैं।
यही नहीं यात्री बसों के अंदर और बस स्टैंड पर किराया सूचि उपलब्ध होने के कारण यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है। विरोध करने पर यात्रियों को बस से नीचे उतार दिया जाता है। बसों के अंदर यात्रियों की सुरक्षा के लिए अग्रिशमन यंत्र और बसों के पीछे साईड जालियां मौजूद नहीं हैं, ना ही इमरजेंसी द्वार की व्यवस्था है।
एक वर्ष पहले की गई थी यात्री बसों की जांच
एक वर्ष पहले आरटीओ विभाग के अधिकारी और नगर प्रशासन ने राजीव गांधी बस स्टैंड पर बसों की जांच की थी, जिसमें बस संचालकों को आदेश दिए थे कि बसों के पीछे जालियां हटाई जाएं साथ ही इमरजेंसी द्वार, किराया सूची सहित यात्रियों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। परंतु नगर के लगभग एक दर्जन बस संचालकों ने इन आदेशों को नहीं माना गया।
बसों सहित अन्य वाहनों की जांच लगातार की जाती है। पहले दिए निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है, तो फिर से जांच कर कार्रवाई करेंगे।
- रीतेश तिवारी, आरटीओ
Published on:
14 Jun 2019 02:04 am
बड़ी खबरें
View Allरायसेन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
