11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिला अस्पताल की इन खामियों से परेशान लोग

अव्यवस्था-एक्स-रे मशीन हफ्तेभर से खराब, हड्डी के फ्रैक्चर मरीज परेशान

5 min read
Google source verification
hospital

जिला अस्पताल की इन खामियों से परेशान लोग

रायसेन। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जहां एक ओर सोनोग्राफी कराने के लिए मरीज परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल की एक्स-रे मशीन ट्यूब में तकनीकि खराबी आने की वजह से पिछले सात दिनों से खराब पड़ी है। हालांकि एक्सेर मशीन की छोटी मशीन से थोड़ा बहुत काम चलाया जा रहा है। लेकिन छाती खोपड़ी समेत अन्य शरीर के हिस्सोंं की एक्सरे जांच नहींहो पा रही है। इसीलिए हड्डी के फ्रेक्चर मरीजों को बाजार से महंगे दामों पर एक्सरे से लेकर सोनोग्राफी कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल के सोनोग्राफी यूनिट में सिर्फ प्रसूता महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो रही है। वह भी सुबह से शाम तक बमुश्किल १५ से २० प्रसूताओं की सोनोग्राफी हो पाती हैं। बाकी पेट संबंधी बीमारी के मरीजों की जिला अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। क्योंकि जब से रेडियोलॉजिस्ट डॉ.एसएस कुशवाह ने वीआरएस लिया है। तब से सोनोग्राफी के लिए मरीजों सहित प्रसूताओं की समस्या तीन गुना ज्यादा बढ़ गई है। वहीं एक हफ्ते से किडनी के मरीजों की डायलिसिस भी नहीं हो पा रही है। इस वजह से मरीजों को महंगे दाम में बड़े शहरों का रूख कर डायलिसिस कराने जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वैसे भी मरीज की एक बार डायलिसिस कराना काफी महंगा पड़ता है। लेकिन डायलिसिस सुविधा जिलेभर के मरीजों के लिए यहां नि:शुल्क सुविधा दी जाती है।

फिलहाल डायलिसिस कक्ष में ताले लटके हुए हैं। इस यूनिट में सन्नाटा पसरा हुआ है।जिला अस्पताल के एक सेमीनार में हिस्सा लेने पहुंचीं कलेक्टर भावना बालिम्वे द्वारा डायलिसिस यूनिट जल्द शुरू कराए जाने के आदेश दिए हैं। लेकिन कलेक्टर के आदेश को भी अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने कोई जबाव नहीं दिया है। हर सोमवार को मरीजों की भारी भीड़ उपचार कराने के लिए उमड़ती है।परन्तु जरूरतमंद मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। सालभर में यह यूनिट कम से तीन से चार बार बंद हो चुका है। कुल मिलकर जिला अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं बेपटरी हो चुकी हैं।

सोनोग्राफी जांच सिर्फ प्रसूताओंं के लिए सुविधा
सोनोग्राफी यूनिट के डॉक्टर एसएस कुशवाह ने वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी है। अब वह सिर्फ घर ही सोनोग्राफी करने लगे हैं। जब से डॉ.कुशवाह ने नौकरी जिला अस्पताल से छोड़ दी है। तब से ही मरीजों सहित डिलेवरी कराने आने वाली महिलाओं की सोनोग्राफी जांच भी समय पर नहीं हो पा रही है। जबकि बताया जाता है कि रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉ.एसएस कुशवाह हर दिन ६० से ८० प्रसूताओं व पेट संबंधी मरीजों की सोनोग्राफी जांच जिला अस्पताल मेंं नि:शुल्क करते थे। लेकिन अब जिला अस्पताल के इस यूनिट में वर्तमान में बमुश्किल १५ से २० प्रसूताओं की सोनोग्राफी हो पा रही है।

सोनोग्राफी यूनिट की प्रभारी डॉ.जिंसी ठाकुर, मेडिकल ऑफीसर डॉ.दीपक गुप्ता का कहना है कि फिलहाल यहां प्रसूताओं की ही सोनोग्राफी की जा रही है। रोजाना १५ से २० प्रसूताओं की सोनोग्राफी जांच हो जाती है। यहां रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण थोड़ा विलंब हो रहा है।बरेली से आई प्रसूता राजेश्वरी धाकड़ ,कामतोन की मेघा शिल्पी,प्रगति पटेल हरदौट,रायसेन की निर्मला देवी,शिवानी गुप्ता आदि ने बताया कि सोनोग्राफी यूनिट में सिर्फ प्रसूताओं की ही सोनोग्राफी की जा रही है। पेट दर्द से परेशान मरीजोंं की यहां सोनोग्राफीकी जांच नहीं हो पा रही है।

पेट दर्द से पीडि़त मरीज प्रेम सिंह बघेल, रेहाना हासमी ने बताया कि डॉक्टर ने सोनोग्राफी के लिए पर्चा लिखा है। लेकिन पिछले दो से तीन दिनों से लगातार चक्कर काट रहे हैं। किन्तु बावजूद इसके उनकी जांच नहीं हो सकी मजबूर मेंं बाजार से कराना होगी जांच। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा दो से तीन महीने बीत जाने के बाद भी रेडियोलॉजिस्ट की पदस्थापना नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.केके लेटवानी के सेेवानिवृत्ति हो जाने के बाद पद खाली है।दंत चिकित्सा यूनिट में भी एक साल से ताले लटके हुए हैं। दांतों के चिकित्सक का भी पद खाली है। इस कारण दांतों के रोगियों को भी बाजार से महंगा इलाज कराना पड़ता है।

पत्र लिखे जाने के बाद भी नहीं आए इंजीनियर
जिला अस्पताल की एक्सरे-मशीन की ट्यूब खराब होने की वजह से मरीजों की एक्सरे जांच समय पर नहीं हो पा रही है। जबकि एक्सरे केंद्र प्रभारी दिलीप त्रिपाठी, कलीम खान का कहना है कि हमने कंपनी के इंजीनियर को पत्र लिखकर सुधार कराने बुलाया है।इंजीनियर जल्द रायसेन पहुंचकर एक्सरे मशीन की सुधार करेगा। एक्स-रे कराने आए मरीज बंटी भारती, माया बाई, मो.शरीफ खान ने बताया कि उनके हाथ पैरों की हड्डियां फ्रैक्चर हो गई हैं। इनकी एक्सरा जांच कराना है। लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी उनके निशुल्क एक्सरे जांच नहीं हो पा रही है। जिला अस्पताल का डायलिसिस सिरुटम एक सप्ताह से खराब है।इस कारण इस यूनिट पर फिलहाल ताले लटके हुए हैं।

जबकि कलेक्टर रायसेन ने इस इमरजेंसी सुविधा डायलिसिस सिस्टम को जल्द चालू कराने की बात कही थी।लेकिन अभी तक अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा है।कच्ची मस्जिद वार्ड २ रायसेन निवासी जरीना बी कोभी डायलिसिस कराना है। मजबूरी मेंं उनके परिजन हर चार दिन में भोपाल ले जाकर २५०० रूपए जेब से खर्च कर भोपाल के निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराना पड़ रही है। जअकि उनके पास बीपीएल राशन कार्डमौजूद हैं।

जिला अस्पताल के डायलिसिस यूनिट में ऐेसे मरीजों की फ्री डायलिसिस सुविधा मिलती है। बिना कार्डधारी मरीजों को ५०० रूपए फीस चुकाकर डायलिसिस कराना पड़ती है।जिलेभर के मरीज बेहद परेशान हैं। डायलिसिस सुविधा केंद्र के प्रभारी एवं मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमएल अहिरवार ने बताया कि आरओ मेंटेनेंस करने वाली कंपनी के इंजीनियर को पत्र लिया दिया है।आरओ सिस्टम में फिर से डायलिसिस कराने के लिए कंपनी को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही इंजीनियर आकर आरओ सिस्टम पूर्ण कर चालू करेंगे।

आरओ क्यों जरूरी कराना होता है....
डायलिसिस से पहले आरओ वाटर से मशीनों को साफ कर उसे धोना पड़ता है। एक झिल्ली से ब्लड के समानांतर आरओ वाटर भी डायलिसिस मशीनें में चलता है। इससे ब्लड में शामिल यूरिया व दूसरे हानिकारक तत्व आरओ वाटर से बाहर आ जाते हैं। इसलिए आरओ वाटर की जरूरत होती है। यहां हर महीने ६० मरीजों की डायलिसिस होती है। यहां रोजाना दो मरीजों के हिसाब से डायलिसिस की जाती है। इस हिसाब से महीनेभर में ६० किडनी के मरीजों को डायलिसिस की जाती है। इसके अलावा रायसेन शहर में दूसरा कोई स्थान नहीं है जहां डायलिसिस हो सके। जिला अस्पताल की डायलिसिस सेंटर का ठेका दिल्ली की दीपचंद्र कंपनी को दिया है।इसी कंपनी ने डायलिसिस सिस्टम लगाए हैं। जब कोई तकनीकि समस्या आती है तो इसी कंपनी के इंजीनियर यहां आकर आरओ वाटर प्रक्रिया पूर्ण कर इसे सुधारते हैं।

जल्द शुरू होगीं सुविधाएं
हमने एक्सरे मशीन,डायलिसिस मशीन कंपनी के इंजीनियरों को बुलाने कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही दोनों इमरजेंसी यूनिट की मशीनों की मरम्मत कराने के बाद उन्हें जल्द प्रारंभ कराया जाएगा।ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीे करना पड़े।

डॉ.बीबी गुप्ता ,सिविल सर्जन रायसेन