रायसेन. लोकायुक्त टीम ने रायसेन तहसील कार्यालय में तहसीलदार के बाबू आरएन साहू उर्फ गुड्डा भैया को नामांतरण के एक प्रकरण में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई से तहसील में हडक़ंप मच गया। अपने कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग कार्रवाई देख सकते में पड़ गए। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या हुआ जो अचानक पुलिस ने तहसीलदार के कक्ष का गेट बंद कर दिया और लोगों को बाहर निकाल दिया।
आवेदक विवेक मालवीय निवासी मंडीदीप की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने दोपहर लगभग डेढ़ बजे उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान तहसीलदार दिलीप द्विवेदी कलेट्रेट में थे। आवेदक विवेक मालवीय एडवोकेट ने आठ मई को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक मनु व्यास भोपाल को रायसेन तहसीलदार के रीडर द्वारा नामांतरण के लिए एक लाख रुपए मांगने को शिकायत की थी। जिस पर लोकायुक्त एसपी ने टीम गठित की और शिकायत की पुष्टि की। इसके बाद सोमवार को विवेद मालवीय को 50 हजार रुपए के साथ तहसील भेजा। जैसे ही बाबू आरएन साहू ने विवेक से 50 हजार रुपए लिए, घात लगाए बैठी टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
20 एकड़ भूमि की नपती नामांतरण
विवेक मालवीय ने बताया कि उसके क्लाइंट ग्राम बागोद निवासी इशाद खां की 20 एकड़ जमीन की नपती और नामांतरण होना था। जिसके लिए एक साल से आवेदन लगा रहे थे, लेकिन तहसील से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही थी। बाबू आरएन साहू एक लाख रुपए की मांग कर रहा था। पिछले साल भी 50 हजार रुपए दिए थे, लेकिन नामांतरण नहीं हुआ। बाबू ने फिर एक लाख रुपए की मांग की। जिसकी पहली किश्त 50 हजार रुपए सोमवार को देना तय हुआ था। तहसीलदार कक्ष में ही आवेदक से रिश्वत लेते हुए आरएन साहू को पकड़ा गया।
18 दिन में दूसरी कार्रवाई
जिले में जमीनों के नामांतरण, नपती, सीमांकन में बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की जा रही है। इसका प्रमाण है कि 18 दिन में ही यह दूसरी कार्रवाई हुई है। इससे पहले 27 अप्रेल को बरेली तहसील के पटवारी रामनारायण सक्सेना को लोकायुक्त पुलिस ने जमीन का सीमांकन के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।
इससे लगभग पांच माह पहले जिला पंचायत के एक बाबू को पंचायत सचिव को आहरण के अधिकार देने के नाम पर रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था।
मौका मिलते ही शिकायत को लपके किसान
तहसील में उक्त कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। जब उन्हे पता चला कि बाबू को नामांतरण के लिए रिश्वत लेते पकड़ा गया है, तो कई किसानों का दर्द बाहर आ गया। मौका मिलते ही कुछ किसान लोकायुक्त इंस्पेक्टर रजनी तिवारी के पास पहुंचे और अपनी प्रकरण में तहसील में लेट लतीफी की शिकायत करने लगे। तिवारी ने उन्हे पूरे प्रकरण के साथ लोकायुक्त कार्यालय भोपाल आकर शिकायत करने की सलाह दी।
लोकायुक्त टीम में निरीक्षक रजनी तिवारी, मनोज पटवा, नीलम पटवा, विकास पटेल, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, मुकेश सिंह, मनमोहन साहू, हेमेंद्र पाल, मनोज मांझी शामिल थे।
इनका कहना है
ग्राम बागोद में 20 एकड़ जमीन की नपती और नामांतरण के लिए तहसीलदार के रीडर आरएन साहू ने एक लाख रुपए की मांग की थी। जिसकी शिकायत विवेक मालवीय ने की थी। पुष्टि के बाद सोमवार को बाबू को 50 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आगे कार्रवाई जारी है।
रजनी तिवारी, निरीक्षण लोकायुक्त।
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