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ठेकेदार ने सड़क निर्माण कार्य में नहीं किया मापदंडों का उपयोग

यहां पर ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के द्वारा सवाल उठाए ज रहे हैं

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यहां पर ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के द्वारा सवाल उठाए ज रहे हैं

ठेकेदार ने सड़क निर्माण कार्य में नहीं किया मापदंडों का उपयोग

सिलवानी. आइपीसी कंपनी के द्वारा तहसील के विभिन्न गांवों को पक्की सड़क से जोडऩे को लेकर करीब 40 करोड़ रुपए लागत से 35 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। तहसील के गांव गांधी नगर, लालघाटी, राजीव नगर, जुनिया, चौका, रानीपुरा, भोडिय़ा, आमापानी कॉलोनी, बटेर सहित अन्य गांवों को जोडऩे वाली डामर और कांक्रीटयुक्त सड़क बनाई जा रही हैं। साथ ही सड़क के बीच में पडऩे वाले नदी और नालों पर पुल और पुलियाओं का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के द्वारा सवाल उठाए ज रहे हैं। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की जा चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्य घटिया तरीके से कराया जा रहा है, जो अभी से क्षतिग्रस्त होने लगा है।

नागरिकों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार संजय नागवंशी को लोनिवि के अंतर्गत आइपीसी कंपनी द्वारा किए जा रहे निर्माण के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन में उल्लेख किया गया था कि स्टेट हाइवे 15 सियरमऊ रोड की मुख्य सड़क से गांधी नगर पड़ान से मकबूल खान की ग्वारी तक सीसी सड़क व छोटे-छोटे पुलों का घटिया एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया है। उक्त निर्माण कार्य जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिस कारण वार्डवासियों को आवागमन में परेशानी हो रही है। सड़क निर्माण एवं छोटे पुलियाओं का निर्माण गुणवत्तायुक्त शासकीय एस्टीमेट अनुसार कार्य किया जाए तथा लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बनाने वाली सड़क निर्माण कंपनी आईपीसी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पेनाल्टी लगाई जाए।

निरीक्षण में बरत रहे औपचारिकता
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार उपयंत्री और जिले के अधिकारी स्थल निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता करते हैं। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य होने से निर्माण एजेंसी व अफसरों की साठ-गांठ उजागर हो रही है। निर्माण एजेंसी की मनमानी पर अंकुश लगाने व तय मापदंड के अनुसार निर्माण कार्य कराए जाने की मांग की है।
नहीं लगाया बोर्ड
बताया जा रहा है कि निर्माण स्थल पर निर्माण एजेंसी के द्वारा निर्माण कार्य की जानकारी देने वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। जबकि नियमानुसार निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य की जानकारी दर्शाने वाला बोर्ड होना आवश्यक है, लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।