
wheat procurement: राजगढ़ जिले में गेहूं उपार्जन व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन द्वारा लिए गए कड़े फैसले के तहत कालातीत ऋणी किसानों द्वारा सीधे व्यापारियों को गेहूं बेचने की स्थिति में भी उनसे बकाया ऋण की वसूली की जाएगी।
कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई किसान बैंकों का कर्ज चुकाए बिना बाजार में अनाज बेचता है, तो उसकी बिक्री से प्राप्त राशि को सीधे ऋण की भरपाई में इस्तेमाल किया जाएगा। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जो व्यापारी ऋणी किसानों से वसूली में सहयोग नहीं करेंगे, उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा।
जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी बड़े व्यापारियों को कालातीत ऋणी किसानों की सूची उपलब्ध कराएं ताकि खरीदी के दौरान उनके ऋण की कटौती हो सके। साथ ही, सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों की बैठक लेकर इस निर्णय से अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान बैंकों के बकाए से बचकर निजी व्यापारियों के माध्यम से गेहूं न बेच सकें।
कलेक्टर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बिना अनुमति के मंडियों से गेहूं बाहर नहीं जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिया गया है कि उपार्जित गेहूं के परिवहन पर पूरी निगरानी रखी जाए और पर्याप्त ट्रकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अन्य राज्यों से गेहूं जिले में उपार्जन के लिए न आने पाए। इसके लिए जिले की सीमाओं पर नाके बनाए जाएंगे, ताकि बाहरी गेहूं की खरीद-बिक्री रुक सके और जिले के किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
शनिवार को आयोजित जिला उपार्जन समिति की बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आगामी दो दिनों के भीतर किसानों के रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। साथ ही, प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर चार-चार तौल कांटे उपलब्ध कराए जाएं, ताकि तुलाई में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
कलेक्टर ने कहा कि किसानों को बारदानों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि तुलाई से पहले किसानों के घर पर बारदाने न जाएं। खुले में भंडारण किए जा रहे गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त तिरपाल की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि मौसम खराब होने पर अनाज को सुरक्षित रखा जा सके।
प्रशासन द्वारा ऐसे किसानों की सूची जारी की गई है, जिनके ऊपर लंबे समय से बकाया चल रहा है और जो ऋण राशि जमा नहीं कर रहे। प्रशासन ने 1600 से ज्यादा ऐसे किसानों की सूची सार्वजनिक की है, ताकि कोई भी व्यापारी ऐसे किसानों से गेहूं की खरीदी करने से पहले प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने पर विचार करे।
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि रकबा सत्यापन के दौरान यह भी जांचा जाए कि कहीं ऋणी किसान की फसल किसी और के नाम पर तो नहीं बेची जा रही। इसके लिए किसानों के पंजीयन अपडेट की भी जांच की जाएगी।
Published on:
23 Mar 2025 02:59 pm
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