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गुस्साए किसानों का खुरी ग्रिड पर हंगामा, अधिकारियों को घेरकर सुनाईं समस्याएं

करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों ने बुधवार को खुरी ग्रिड पर हंगामा कर दिया

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Outrage against electricity company

The farmers surrounded the authorities and asked not to provide electricity at night

ब्यावरा. रबी की फसल के आखिरी पड़ाव पर भी किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही। इसी कारण गेहूं, चना, सरसों, मसूर के साथ ही बाद में बोई गई धनिये की फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इसी से गुस्साए करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों ने बुधवार को खुरी ग्रिड पर हंगामा कर दिया। किसानों ने जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि 10 घंटे में से पांच से छह घंटे भी हमें समय पर बिजली नहीं मिल रही।
किसानों ने कहा कि जानबूझकर हमारे यहां की सप्लाई बंद कर दी जाती है, ग्रिड से फॉल्ट होने का बोलकर बिजली सप्लाई को बंद कर दिया जाता है। इससे पर्याप्त पानी होने के बावजूद हमारी फसलें खराब होने की कगार पर हैं। इधर, बिजली कंपनी का तर्क है कि लोड की दिक्कत होने से शिफ्ट में बिजली दी जा रही है। सभी को एक साथ कैसे दें? वहीं, किसानों का कहना है कि पूरा सीजन निकल गया लेकिन यह समस्या खत्म नहीं हुई। माल्याहेड़ी, मोहनपुरा, बामलाबे, खुरी, पड़ोनिया सहित आस-पास के अन्य गांवों के किसान अपनी परेशानी लेकर सुबह 11 बजे ग्रिड पहुंचे थे, जहां बाद में पहुंचे बिजली कंपनी के अधिकारियों को भी उन्होंने घेर लिया और सप्लाई समय पर देने के लिए अड़े रहे। इस पर बिजली कंपनी के जेई ने उन्हें आश्वस्त किया कि अलग-अलग समय में फीडर के हिसाब से बिजली चालू कर हम आपूर्ति कर देंगे।

पूरी ठंड रात में बिजली दी, कैसे करें सिंचाई?
किसानों ने आरोप लगाया कि कड़ाके की ठंड में हमने सिंचाई की। 10 में से चार घंटे रात में दिए, लेकिन अब हमने मांग की है कि रात की बजाए दिन की शिफ्ट में बिजली दी जाए, लेकिन बिजली कंपनी वाले मानने को तैयार नहीं हैं। हमारी मांग यह भी है कि रात के अंधेरे में जीव-जंतुओं के बीच कैसे सिंचाई करेंगे? महज 10 घंटे की बिजली सप्लाई के निर्देश हैं, उसमें भी रात को भी बिजली दी जाती है, कैसे किसान पूर्ति करें।
&उक्त ग्रिड पर अचानक से लोड बढ़ा है, जिसके समाधान के लिए बामलाबे में अतिरिक्त सब-स्टेशन जल्द ही बनने वाला है, जिससे इस समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा। फिलहाल लोड अधिक होने से ऐसी दिक्कत है, जिसका समाधान हमने छह-छह घंटे का शेड््यूल बनाकर किया है।
-एमके मिश्रा, जेई, विद्युत वितरण कंपनी, ब्यावरा