
Rajgarh Large number of patients suffering from seasonal diseases reaching the hospital.
राजगढ़. फरवरी माह की शुरुआत से मौसम में अस्थिरता बनी हुई है। बार-बार बदलते मौसम से पन्द्रह दिन में न्यूनतम तापमान में दो बार पांच से छह डिग्री का उतार चढ़ाव हो चुका है। इधर दिन और रात के तापमान भी खासा अंतर है। सुबह और शाम जहां लोगों को तेज सर्दी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दोपहर में तेज धूप से अभी से लोगों के पसीने छूटने लगे हैं। तापमान में हो रहा यह त्वरित परिवर्तन लोगों की तबीयत बिगाड़ रहा है। इधर, शाम के समय शहर में होने वाली सफाई और उससे उडऩे वाली धूल से लोगों को परेशानी हो रही है। इससे जिले में एलर्जिक ब्रांकाइटिस और वायरल फेरंजाइटिस का प्रकोप सामने आ रहा है।
इसके कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ, गले में कफ, वायरल फीवर, सर्दी जुकाम, पेट दर्द संबंधी परेशानी हो रही है। वहीं पिछली बार जिले के नजदीक जिले झालावाड़, कोटा में बड़ी संख्या में फैले स्वाइन फलू की जानकारी के बाद लोगे एतिहयात के तौर पर जांच के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालांकि जिले सहित आसपास के जिले में फिलहाल स्वाइन फ्लू के किसी मरीज की जानकारी नहीं मिली है।
13 दिन में 2314 मरीज
मौसम में हुए इस परिवर्तन के कारण इसी माह में हजारों मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीज सामने आ चुके हैं। इन दिनों में अकेले जिला अस्पताल में ही 2314 मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीज पहुंचे हैं। इनमें वायरल फीवर, सर्दी जुकाम, बाडीपेन और कफ एंड कोल्ड के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों के अलावा निजी तौर पर उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या अधिक है।
शाम की सफाई देर से कराने की मांग
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर शहर में दो माह पूर्व दोनों समय सफाई की शुरुआत की गई थी। शुरुआत में यह सफाई अल सुबह और बाजार बंद होने के बाद देर रात की जाती थी। लेकिन सफाईकर्मियों ने अपनी सुविधा देखते हुए अब सफाई का समय बदल लिया है।
शाम को सफाई की शुरुआत आठ-साढ़े आठ बजे से कर दी जाती है। उस समय बाजार की सभी दुकानें खुली होने के साथ भारी भीड़ रहती है। जिन्हें सफाई के दौरान उड़ती धूल से खासा परेशान होना पड़ता है। यही धूल लोगों का स्वास्थ्य बिगाड़ रही है। ऐसे में शहर के व्यवसायी विवेक गुप्ता, सुरेश पुष्पद, रितेश विजयवर्गीय, मंजीत सोनी आदि ने शाम को होने वाली सफाई पूर्व की तरह देर रात में कराने की मांग की है।
& प्रदूषण, धूल आदि कारणों से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार कम हो रही है। ऐसे में तापमान में होने वाला त्वरित परिवर्तन लोगों खासकर बच्चों और बुजुर्गों को खासा नुकसान पहुंचाता है। फरवरी में भी यही स्थिति रहने की संभावना है।
सुधीर कलावत, एमडी जिला चिकित्सालय राजगढ़
Published on:
14 Feb 2020 04:12 am
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